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संस्कारों में मिले पर्यावरण संरक्षण की सीख : छैलबिहारी महाराज

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अर्हम् वर्ष का दूसरा कार्यक्रम : पर्यावरण जागरुकता

बीकानेर। पौधे लगाएंगे तो पर्यावरण बचेगा और पर्यावरण बचेगा तो जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रहेगा। यह उद्गार बालसंत छैलबिहारी महाराज ने बुधवार को नोखा रोड भीनासर स्थित अर्हम इंग्लिश एकेडमी में पर्यावरण जागरुकता कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। बालसंत छैलबिहारी ने कहा कि स्कूल में विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करना, उन्हें पौधरोपण व पेड़-पौधों की संरक्षण देना सुरक्षित व स्वस्थ भविष्य के प्रति श्रेष्ठ कदम है। प्रकृति के विरुद्ध कार्य करके हम कभी समृद्ध नहीं हो सकते। प्रकृति साक्षात् ईश्वर है।

शाला के सचिव सुरेन्द्र कुमार डागा ने बताया कि मानव धर्म प्रचार सेवा समिति व अणुव्रत समिति बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पर्यावरण जागरुकता कार्यक्रम में छैलबिहारी महाराज ने बच्चों को 100 पौधे वितरित किए तथा उनकी हमेशा देखरेख करने की सीख दी। इसी क्रम में अणुव्रत विश्वभारती न्यास की पर्यावरण राष्ट्रीय संयोजिका डॉ. नीलम जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चे ही नहीं सबकी जिम्मेदारी है पर्यावरण संरक्षित रखना।

कांग्रेस जिला देहात अध्यक्ष व पर्यावरणविद् मिलन गहलोत ने कहा कि केवल पौधरोपण ही नहीं बल्कि उनकी सार-संभाल करना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन के विशेष अवसर पर पौधरोपण करना चाहिए। एमडी रमा डागा ने बताया कि अणुव्रत  समिति बीकानेर के अध्यक्ष झंवरलाल गोलछा, एडवोकेट अजय पुरोहित, रेणु खत्री ने वक्तव्य दिया।

डागा ने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे चरण में मीरा बाई धोरे पर 25 विद्यार्थियों द्वारा 25 पौधे लगाए गए तथा अर्हम् वाटिका का निर्माण किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने पर्यावरण संबंधी नाट्य व नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में बाबूलाल महात्मा, जेठमल छाजेड़, डीसीबी बैंक मैनेजर प्रशांत जैन, समाजसेवी संदीप नौलखा, प्रमोदबहादुर सक्सेना आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन लक्की राजपुरोहित ने किया।

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