BikanerExclusiveSociety

नियमितीकरण की मांग के साथ जयपुर में हुंकार भरेंगे संविदा कर्मी

0
(0)

*पहली बार सभी विभागों के संविदाकर्मी हुए एक*

*गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे संविदाकर्मी*

बीकानेर, 23 नवंबर। राजकीय कर्मचारी के रूप में राजस्थान सर्विस रूल्स के तहत नियमितीकरण की मांग को लेकर सभी विभागों के संविदा कर्मी 24 नवंबर को सामूहिक अवकाश लेकर जयपुर पहुंचेगे। यहां संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के बैनर तले, शमशेर भालू खान गांधी के नेतृत्व में विद्यानगर स्टेडियम में प्रदर्शन व सभा का आयोजन कर सरकार को जगाने का प्रयास करेंगे।

इस क्रम मे बुध्वार को स्वास्थ्य भवन में एनएचएम संविदा कार्मिकों द्वारा सामूहिक अवकाश का प्रार्थना पत्र आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता को सौंपा गया। एनएचएम प्रबंधकीय संविदा कार्मिक संघ के सचिव किशोर व्यास ने बताया कि विगत दिनों राज्य सरकार की ओर से संविदा रूल्स लागू कर घोषणा की गई कि सभी को नियमित कर दिया गया है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी मीडिया में विज्ञापन जारी कर किया गया। यही नहीं राज्य के बाहर भी इसको प्रचारित किया गया कि सभी संविदा कर्मियों को नियमित कर दिया गया है। जबकि हकीकत में कुछ भी नहीं हुआ। बल्कि संविदा कर्मियों का नुकसान करने वाला रूल्स जारी कर दिए गए।

संघ के मालकोश आचार्य के अनुसार, नए संविदा नियमो मे जो कार्मिक वर्षों से कार्य कर रहे हैं उनका अनुभव शून्य हो जाएगा, वेतन कम हो जाएगा, आगामी मानेदय में बढ़ोतरी नहीं होगी, टीए-डीए कम हो जाएगा और आकस्मिक अवकाश भी 25 से घटाकर 12 कर दिए गए हैं। यही नहीं रूल्स के अनुसार संविदा कर्मियों को न तो दुर्घटना बीमा दिया गया है, न आरजीएचएस में शामिल किया गया है और न ही ओपीएस लागू है। इसी तरह अनुकंपा नियुक्ति, एचआरए, ग्रेज्यूटी आदि का कहीं कोई जिक्र नहीं है। यही वजह है कि नियमित होने की बाट जोह रहे कार्मिक इन रूल्स के बाद खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और वे अब समझ चुके हैं कि सरकार ने उनके साथ धोखा कर दिया है। इसके चलते कार्मिकों में भारी रोष है।

सुशील कुमार ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की ओर से विगत चुनावों में सभी संविदा कर्मियों को नियमित करने के वादे के बावजूद आज तक नियमितिकरण नहीं करने से संविदा कर्मियों में भारी रोष है। इसके साथ ही राजस्थान सरकार की ओर से तुगलकी फरमान की तरह जारी किए गए राजस्थान संविदा रूल्स 2022 के जरिए संविदा कर्मियों के फायदे की बजाए नुकसान करने की तैयारी की जा रही है। यही वजह है कि अब संविदा कर्मी विरोध पर उतर आए हैं और चार वर्षों तक सरकार से आस लगाए बैठे कार्मिक सडक़ पर उतर आए हैं। हालांकि गहलोत सरकार ने वादा किया है कि वे संविदा कर्मियों को नुकसान नहीं होने देंगे लेकिन कार्मिक केवल एक मांग कर रहे हैं कि उन्हें नियमित किया जाए।
गौरतलब है कि राज्य में विभिन्न विभागों में संविदा कार्मिक वर्षों से कार्य कर रहे हैं। पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने इन कार्मिकों की संख्या सबसे अधिक है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply