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मौसम : बीकानेर में दो दिन होगी इतनी बारिश

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बीकानेर । प्रदेश में सर्वाधिक बारिश बीकानेर में हुई है और आगे दो दिन और झमाझम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। आने वाले दिनों में दिन व रात के तापमान मे कमी होने, मध्यम आपेक्षिक आर्द्रता के साथ तेज गति की हवाएँ चलने और बादल छाए रहने के साथ अच्छी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग के बीछवाल केंद्र के अनुसार आज और कल बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश होने की संभावना कम है। वहीं 21 जुलाई को 2 मिमी, 22 जुलाई को 19 एम एम तथा 23 जुलाई को 24 एम एम बारिश होने की संभावना जताई है। इस बीच हवा की गति 15_16 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। बीकानेर में आज मंगलवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने किसानों को दी यह सलाह👇

भविष्य के लिए वर्षा की प्रत्येक बूंद को बचाने का प्रयास करें। साथ ही यदि बारिश ज्यादा होती है तो फसल क्षेत्र से उचित जल निकास की व्यस्था भी करें।

खरीफ फसलों (बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ) की बुवाई के लिए अनुकूलतम समय चल रहा है।

किसान बाजरा, मूंग, मोठ व ग्वार की बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चयन करे। कृषि जलवायु खंड 1 सो के लिए बाजरा की उन्नत किस्मे राज 171, एच. एच. बी 60, आर.एच.बी. 121, एच.एच.बी. 67 (imp), आर.एच.बी. 90, आई. सी. एम. एच. 356, मूंग की उन्नत किस्में एस. एम. एल. 568, एम. यू. एम. 2, आर. एम. जी. 62, आर. एम. जी. 268, के. 851, मोठ की उन्नत किस्मे आर. एम. ओ. 257 225, 435, 423 व 40 तथा ग्वार की उन्नत किस्मे आर.जी.सी. 936, 197, 986, 1002, 1003 व 1066 आदि प्रमुख हैं।👇

बुवाई के समय बीज उपचार के बाद ही बुवाई करे। इसके लिए बाजरा व मोठ के बीज को बीजजनित रोगो की रोकथाम के लिए 3 ग्राम थायराम व दीमक से बचाव के लिए 4 मिली लीटर क्लोरोपायरीफॉस प्रति किलो बीज तथा ग्वार को 250 पी.पी.एम. एग्रोमाइसिन (1 ग्राम प्रति 4 लीटर पानी) फै घोल मे 2 घंटे डुबोकर रखने के बाद ही बुवाई करे। ग्यार, मूंग, मोठ के बीजो को कवकनाशी एवं कीटनाशी से उपचार के बाद उपयुक्त जीवाणु खाद से उपचारित कर कुछ देर छाया में सुखाकर ही बुवाई करे।👇

किसान भाड़ बाजरा की बुवाई के लिए 4 किलो, मूंग व ग्वार के लिए 16 किलो तथा मोठ के लिए 12 से 16 किलो बीज प्रति हैक्टर की दर से काम मे लेवें।

खरपतवार एवं कीट व्याधियों के प्रकोप के लिए नियमित रूप से खेत का भ्रमण करते रहे।

मूँगफली की खड़ी फसल में जड़ गलन रोग की रोकथाम के लिए कार्बेण्डिज्म नामक दवा को 2 किग्रा / है की दर से वर्षा होने के साथ या सिंचाई पानी के साथ मिट्टी में गिलकर खेत में शुर

वर्षा होने पर चारे वाली फसलो में यूरिया का छिड़काव करें ।

आने वाले दिनों में वर्षा होने की संभावना है अतः मूँगफली की फसल में सिंचाई को कुछ समय के लिए स्थगित करे तथा खड़ी फसल ( मूँगफली व चारे वाली फसल) में किसी भी प्रकार के रसायनों का छिड़काव न करे।

अधिक बरसात होने की स्थिति में बुवाई किए हुए मूँगफली एवं बाजरा के खेतो में उचित जल निकास की व्यवस्था करे । बारिश के मौसम में संतुलित हरे चारे के लिए बाजरा व ज्वार के साथ लोबिया व ग्वार के साथ मिलकर बुवाई करें।

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