डॉ पी सी पंचारिया बने सीएसआईआर-सीरी के निदेशक
सीरी के जयपुर केंद्र के प्रभारी थे मुख्य वैज्ञानिक डॉ पंचारिया
पिलानी। डॉ पी सी पंचारिया ने आज पूर्वाह्न सीएसआईआर.केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान ;सीएसआईआर.(सीरी) के निदेशक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया है। सीरी में पदभार ग्रहण करने से पूर्व डॉ पंचारिया मुख्य सीरी के जयपुर केंद्र के प्रभारी थे तथा संस्थान के सिग्नल एनालिटिक्स समूह के प्रमुख भी थे। आप अकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च में प्रोफेसर भी हैं। आप संस्थान में इंटेलिजेन्ट मेज़रमेन्ट सिस्टम्स के क्षेत्र में शोध व विकास संबंधी गतिविधियों से जुड़े रहे हैं। ये प्रणालियाँ चाय, चीनी, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में उपयोग की जाती हैं।
पंचारिया का परिचय एवं अनुभव
1 जनवरी, 1971 को जन्मे डॉ पंचारिया इन्दौर, मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं। पंचारिया ने सीएसआईआर.सीरी में 31 अगस्त 1994 को वैज्ञानिक.बी के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद अपने परिश्रम और अध्यवसाय से विभिन्न पदोन्नतियाँ प्राप्त करते हुए मुख्य वैज्ञानिक के पद पर पहुँचे। पंचारिया ने इलेक्ट्रॉनिक्स में विशेषज्ञता के साथ भौतिकी में एमएससी की। इसके बाद देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालयए इंदौर से इंस्ट्रुमेन्टेशन में एमएस तथा पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। पंचारिया को शोध और विकास कार्यों में 25 वर्ष से अधिक का सुदीर्घ अनुभव प्राप्त है। आपने पीएचडी, स्नातकोत्तर और स्नातक स्तरीय अनेक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया है। वर्ष 2000-02 में इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन ब्रेमेन विश्वविद्यालय जर्मनी से डाड फेलोशिप प्राप्त हुई है। दिसंबर 2004 में लेटरल कंप्यूटिंग पर बंगलूरू में आयोजित वर्ल्ड कांग्रेस में बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित किया गया। पंचारिया एमएसआई (इंडिया) और आई ई टी ई (इंडिया) के आजीवन फेलो हैं। दूध में मिलावट का पता लगाने के लिए संसूचन प्रणाली का विकास करने के लिए उन्हे दिसंबर 2017 में प्रतिष्ठित स्कॉच गोल्ड अवार्ड भी प्रदान किया गया। पंचारिया चाय और डेयरी उद्योगों के अनेक शोध और विकास परियोजनाओं से जुड़े रहे हैं और इनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उच्च स्तरीय प्रतिष्ठित शोध जर्नलों एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में इनके 25 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। पंचारिया के नाम 7 पेटेन्ट दर्ज हैं। इनकी शोध उपलब्धियों में चाय पत्ती के कुम्हलाने की प्रक्रिया के लिए नियंत्रण प्रणाली का विकास, इलेक्ट्रॉनिकी जिह्वा का विकास आदि शामिल हैं। भारतीय डेयरी उद्योगों के लिए दूध में मिलावट का पता लगाने के लिए क्षीर स्कैनर, क्षीर टेस्टर तथा दूध में मौजूद पोषक तत्वों का पता लगाने के लिए दुग्ध विश्लेषक प्रणाली (इरफान) ने इनको देश ही नहीं विदेशों में भी ख्याति दिलाई। डॉ पंचारिया द्वारा विकसित क्षीर स्कैनर, क्षीर टेस्टर, दूध की डेन्सिटी मापने के लिए विकसित प्रणाली अकाउस्टिक मेज़रिंग सिस्टम का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने डॉ पंचारिया द्वारा विकसित क्षीर स्केनर और क्षीर टेस्टर की प्रशंसा की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉ पंचारिया द्वारा विकसित हैंड हेल्ड क्षीर स्केनर को सीएसआईआर स्थापना दिवस 2017 के अवसर पर विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्र को समर्पित किया था।
विशेषज्ञता क्षेत्र
इसके अलावा खाद्य एवं अन्य कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए नवीन तकनीकों का विकास तथा मशीन लर्निंग एवं कीमोमीट्रिक्स डॉ पंचारिया के शोध रुचि के क्षेत्र हैं। पंचारिया इलेक्ट्रॉनिक्स और इंटेलिजेन्ट सिस्टम्स के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। इनमें सेंसर्स एवं सिग्नल कंडीशनिंग, मेज़रमेन्ट सिस्टम्स, प्रॉसेस ऑटोमेशन, संचार प्रणालियाँ शामिल हैं जिनका अनुप्रयोग डेयरी, खाद्य, चाय उत्पादन, चीनी उत्पादन, मशरूम की पैदावार संबंधी उद्योगों तथा कोयले की खादानों में है।
उल्लेखनीय है कि संस्थान में निदेशक का पद नवंबर 2018 से रिक्त चल रहा था। एनपीएलए नई दिल्ली के निदेशक डॉ डी के असवाल को सीएसआईआर.सीरी के निदेशक का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया था। डॉ डी के असवाल, डॉ पी के खन्ना सहित संस्थान के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों व अन्य सभी सहकर्मियों ने डॉ पंचारिया का संस्थान में स्वागत किया और उन्हें शुभकामना दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉ पंचारिया के नेतृत्व में संस्थान चहुँमुखी विकास करेगा। सभी सहकर्मियों ने डॉ पीसी पंचारिया के निदेशक का पदभार ग्रहण करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
Congratulations for your new achievement of life.keep it up.From Dr.S.P.Sharma.SOS
Physical.Edu.D.A.V.Indore.
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