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जीवन रूपी गाड़ी में ब्रेक लगाने की कला विकसित करें : साध्वी संकल्प श्री

बुद्धिजीवी सम्मेलन में नशा, पर्यावरण और आत्म संयम पर हुआ चिंतन, 112 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

गंगाशहर। आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में अणुव्रत समिति, गंगाशहर द्वारा आयोजित बुद्धिजीवी सम्मेलन रविवार को आशीर्वाद भवन प्रांगण में शासनश्री साध्वी श्री बसंत प्रभा जी के सान्निध्य में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंगल मंत्रोच्चार व महिला प्रकोष्ठ द्वारा मंगलाचरण से हुआ।सम्मेलन में साध्वी श्री संकल्प श्री जी ने अपने प्रवचन में कहा कि “जीवन रूपी गाड़ी को ब्रेक लगाने की कला सीखनी होगी। इंद्रियों और मन को संयमित कर जीवन को सलीके से जीना ही आत्मविकास का मार्ग है।” उन्होंने युवाओं से संयम और जागरूकता की जीवनशैली अपनाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. धनपत सिंह रामपुरिया ने पर्यावरण विषय पर कहा कि “प्रकृति से सब कुछ मिलता है, लेकिन अतिक्रमण और अनावश्यक दोहन इसके असंतुलन का कारण है।” वहीं, डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने “नशा संस्कारों को नष्ट करता है, विवेक और सद्संगति ही इसका उपाय है।” विषय पर प्रभावशाली विचार रखे।

कार्यक्रम में 112 विद्यालयों एवं संस्थानों के प्रतिनिधियों, कवियों, साहित्यकारों सहित लगभग 350 बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। वक्ताओं का परिचय समिति के उपाध्यक्ष मनोज सेठिया ने कराया, जबकि स्वागत वक्तव्य प्रतिष्ठान के कोषाध्यक्ष भैरूदान सेठिया ने दिया।साध्वी श्री कल्प माला जी एवं रोहित यशा जी ने प्रभावशाली गीतिका प्रस्तुत की।

नवमनोनीत भाजपा जिलाध्यक्ष सुमन छाजेड़ सहित मुख्य वक्ताओं का सम्मान अध्यक्ष गणेश बोथरा, मंत्री दीपक आंचलिया, समिति अध्यक्ष भंवरलाल सेठिया ने मोमेंटो, साहित्य एवं पताका भेंटकर किया।मीडिया संयोजक धर्मेंद्र डाकलिया ने बताया कि अणुव्रत काव्यधारा के अंतर्गत डॉ. कृष्ण आचार्य, राजाराम स्वर्णकार, मोनिका गौड़, मनीष आर्य सोनी, संजय श्रीमाली, राजेंद्र जोशी, योगेंद्र पुरोहित, शाहीन कादरी, नदीम अहमद, वरीता बेद, इसरार हसन कादरी सहित कई रचनाकारों को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान हंसराज डागा, किशन बेद, जतन दुग्गड़ एवं महिला प्रकोष्ठ द्वारा प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में अणुव्रत गीत संगान में सहभागी विद्यालयों व संस्थानों को भी सम्मानित किया गया। संचालन मंत्री मनीष बाफना ने किया तथा आभार अध्यक्ष भंवरलाल सेठिया ने व्यक्त किया।

अंत में अहमदाबाद विमान हादसे में दिवंगत आत्माओं की स्मृति में एक मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई।कार्यक्रम की सफलता में कर्णिदान रांका, मनोज छाजेड़, राजेश बेद, मनोज जैन, अरिहंत नाहटा, अनिल बेद, हेमराज गुलगुलिया, दिलीप सिरोहिया, कुशल बाफना, ताराचंद गुलगुलिया, संतोष बोथरा, अनुपम सेठिया, बबीता सेठिया, रेणु बाफना, मंजू आंचलिया, शशि रांका आदि का विशेष योगदान रहा।

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