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छठा इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल एसकेआरएयू और सीएसआईआर-सीरी पिलानी के वर्चुअल प्लेटफाॅर्म पर जुड़े देशभर के विशेषज्ञ

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बीकानेर, 10 दिसम्बर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सेंट्रल इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, पिलानी (सीएसाईआर-सीरी) के संयुक्त तत्वावधान् में छठा इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) ‘विज्ञान यात्रा वर्चुअल आउटरीच’ गुरुवार को वर्चुअल प्लेटफाॅर्म पर आयोजित हुआ। इसमें देशभर के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए।
अध्यक्षता कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने की। उन्होंने कहा कि मनुष्य आदिकाल से जिज्ञासु रहा है। इसी जिज्ञासा ने नए-नए आविष्कारों को जन्म दिया है और इनके उपयोग से हमारे जीवन स्तर में लगातार सुधार होता रहा है। आज शिक्षा, चिकित्सा, अभियांत्रिकी, कृषि सहित प्रत्येक क्षेत्र में नित नई तकनीकें खोजी जा रही हैं, जिनका प्रत्यक्ष लाभ मानव जाति को मिला है। उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान भारत देश में ‘जय जवान, जय किसान’ के साथ ‘जय विज्ञान’ जुड़ना हमारे वैज्ञानिक साथियों के अथक परिश्रम, लगन एवं समर्पण का परिणाम है।
कुलपति ने कहा कि आविष्कार, शोध एवं अनुसंधान में हमारा भारत, दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हुआ है। वैज्ञानिकों के प्रयासों से दुनिया भर में हमारे देश की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में वर्चुअल प्लेटफाॅर्म वैचारिक आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम है। विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना संक्रमण काल का सकारात्मक उपयोग किया गया तथा ई-लर्निंग, ई-संवाद तथा ई-ट्रेनिंग आदि आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, किसानों की आमदनी दोगुनी करने के केन्द्र सरकार के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कृत संकल्प है तथा इसके लिए सतत प्रयासरत है। कृषक के सशक्त होने से ही देश को समृद्धि के पथ पर ले जाया जा सकता है।
इससे पहले मोदी विश्वविद्यालय सीकर के प्रो. केशव आमेटा ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए दिए गए सहयोग के लिए कुलपति का आभार जताया। विज्ञान भारती, राजस्थान के सचिव डाॅ. मेघेन्द्र शर्मा ने आईआईएसएफ व एमईएमसी का परिचय दिया। मुख्य अतिथि विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ. लक्ष्मण सिंह राठौड़ तथा विशिष्ट अतिथि सीएसआईआर-सीरी पिलानी के निदेशक डाॅ. पी. सी. पंचारिया थे। की-नोट स्पीच एमपीपीसीबी, भोपाल के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. नर्मदा प्रसाद शुक्ल और एनआईटी, हमीरपुर के प्रो. अश्विनी राणा द्वारा प्रस्तुत किया। सीएसआईआर-सीरी के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. पंकज बी. अग्रवाल ने आभार जताया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की ओर से समन्वयक की भूमिका डाॅ. सीमा त्यागी ने निभाई। सीरी के डॉ. ज्ञान सिंह मीणा भी मौजूद रहे।

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