लम्बे संघर्ष के बाद मिला मंत्रालयिक कर्मचारियों को अपना हक
बीकानेर। कार्यालय पद्धति के अनुसार शिक्षा विभाग में संस्थापन अधिकारियों ओर प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य आवंटन की माँग को आखिरकार विभाग के संघ की मंशा ओर दिए गए प्रस्ताव के अनुरूप ही स्वीकार कर लेने से विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। गौरतलब है कि यह पंजिका काफी समय से अटकी हुई थी शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ लम्बे समय से इसके कार्य विभाजन को संघ के प्रस्ताव के अनुरूप ही स्वीकार करने की मांग पर अड़ा था। अब संस्थापन अधिकारी ओर प्रशासनिक अधिकारी भी विभागाध्यक्ष के सहायक अनुभाग अधिकारी के रूप में संस्थापन ओर प्रशासनिक का कार्य कर सकेंगे । प्रशासनिक अधिकारी भी सयुक्त निदेशक सम्भाग कार्यालयों मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों विशिष्ट संस्था कार्यालयों में सहायक कार्यालयअध्यक्ष में समस्त संस्थापन एवं प्रशासनिक कार्यो का भी उत्तरदायित्व का निर्वहन करेंगे। इस आदेश पर राजस्थान के शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों में बहुत उत्साह था और लेट लतीफ होने से भारी रोष उतपन्न हो गया था। विभाग के संघ ने आज फिर संघ कार्यालय में सोशल मीडिया के माध्यम से मीटिंग की ओर शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी से आज पुनः चर्चा की गई। निदेशक ने संघ की माँग ओर प्रदेश के कार्मिकों के भारी रोष को देखते हुए संघ के प्रस्ताव को मानते हुए आदेश जारी कर दिए। जिसके लिये संघ ने निदेशक का आभार जताया। संघ ने अनेकों पत्र शिक्षा मंत्री को दिए। उन्होंने मंत्री का भी आभार पत्र प्रेषित किया गया। केबिनेट मंत्री डाॅ बी डी कल्ला को भी ज्ञापन दिए गए थे और वार्ता की गई थी। संघ ने उनका भी आभार जताया। प्रदेश के सभी कार्मिकों का भी आभार जताया जो कि संघ के आवाह्न पर अनेकों ज्ञापन देकर प्रशासन पर दबाव बनाने में सहयोग किया। आज निदेशक से हुई मीटिंग में गिरजा शंकर आचार्य विष्णु पुरोहित सहित कर्मचारियों ने वार्ता की।
निदेशक से मिलने से पूर्व संघ के संस्थापक मदन मोहन व्यास, प्रदेश संरक्षक राजेश व्यास, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विष्णु पुरोहित, प्रदेशाध्यक्ष गिरजाशंकर आचार्य ने संघ की मीटिंग रखी। इसमें पूरे प्रदेश के पदाधिकारियों ने भी सोशल मीडिया द्वारा अपने विचार रखें।