एनआरसीसी में पर्यावरण संरक्षण पर कार्यशाला
‘हर घर एक पेड़’ की दी प्रेरणा
बीकानेर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भाकृअनुप–राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र (एनआरसीसी), बीकानेर में गुरुवार को ‘पर्यावरण संरक्षण में जनभागीदारी’ विषयक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में पर्यावरणीय जागरूकता, पौधारोपण और ज्ञानवर्धक विमर्श के साथ दो वैज्ञानिक पत्रिकाओं का विमोचन भी किया गया।



कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता श्री श्यामसुंदर ज्याणी, सह-आचार्य, राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत हर घर से होनी चाहिए। उन्होंने “हर घर एक पेड़ – परिवार का हरित सदस्य” की भावना को अपनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता क्षरण और माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण जैसे संकटों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा अब विकल्प नहीं, आवश्यकता है।
एनआरसीसी के निदेशक व कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने कहा कि विज्ञान विकास का माध्यम है, लेकिन उसका गलत इस्तेमाल विनाश का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में छोटे-छोटे प्रयास भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और यह जिम्मेदारी हर नागरिक की है।
इस अवसर पर केंद्र की दो पत्रिकाओं —🔹 ‘जलवायु चुनौतियों के बीच सतत दुग्ध उत्पादन की संभावनाएं’🔹 ‘Harnessing Camel Resilience and Dairy Potential amid Climate Change’का विमोचन किया गया।कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने पर्यावरण संबंधी जिज्ञासाएं भी साझा कीं, जिनका संतोषजनक समाधान प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. समर कुमार घोरुई, श्री अखिल ठुकराल, डॉ. विश्व रंजन उपाध्याय और डॉ. प्रियंका गौतम सहित कई वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने भाग लिया।कार्यशाला के समापन पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सामूहिक संकल्प भी लिया गया।