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नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने पर ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

*जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जारी किए आदेश*
*राजस्थान पंचायती राज अधिनियम की धारा 38 के तहत होगी कार्यवाही*

बीकानेर। नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने की जांच सही पाए जाने पर एक ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित किया गया है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहन लाल ने बताया कि पूगल के कृष्णनगर के ग्राम विकास अधिकारी श्री देवराज सिंह के विरूद्ध बीकानेर पंचायत समिति के मूंडसर पदस्थापन अवधि में पंचायती राज अधिनियम 1996 के नियम 157 (1) के अन्तर्गत नियम विरूद्ध पट्टे जारी करने की शिकायत प्राप्त हुई।

जांच रिपोर्ट में उत्तरदायी पाए जाने पर जिला परिषद द्वारा 22 जनवरी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। इस क्रम में श्री देवराज सिंह द्वारा सोमवार को जवाब प्रस्तुत किया गया। स्पष्टीकरण में श्री सिंह, उनके द्वारा जारी पट्टों को पंचायती राज अधिनियम 1996 के नियम 157 (1) के अन्तर्गत नियम और प्रावधान अनुसार जारी किया जाना साबित नहीं कर पाए। जवाब से स्पष्ट हुआ कि मौके पर खाली जमीन के नियम विरुद्ध पट्टे जारी किये गये है।

इसके मद्देनजर श्री देवराज सिंह द्वारा गंभीर अनियमितता के लिए उनके विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1658 के नियम 16 के अन्तर्गत कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। साथ ही राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किया गया है। निलम्बन काल में इनका मुख्यालय पंचायत समिति खाजूवाला रहेगा।
इसी प्रकार नापासर-जसरासर हाइवे पर ग्राम पंचायत की खाली जमीन पर नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने के फलस्वरूप सरपंच श्री केसरमल मूंड के विरुद्ध भी राजस्थान पंचायती राज अधिनियम की धारा 38 के तहत अग्रिम कार्यवाही प्रारंभ की गई है। बीकानेर के विकास अधिकारी को यह पट्टे निरस्त करने की कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही भविष्य में इस भूमि पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो, इसके लिए पाबंद किया गया है।

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