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बीकानेर की इस डिस्पेंसरी में मिली गंभीर अनियमितताएं

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*अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) डॉ. मीना ने किया निरीक्षण*
*मांगा स्पष्टीकरण*

बीकानेर , 6 मई। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजकीय फोर्ट डिस्पेंसरी, सूरसागर में निरीक्षण के दौरान गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी को स्पष्टीकरण नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने को कहा है।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) डॉ दुलीचंद मीना ने बताया कि फोर्ट डिस्पेंसरी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को किए गए औचक निरीक्षण के दौरान गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण और आशा सहयोगिनीयों द्वारा उठाए गए आशा क्लेम में अंतर पाया गया।

मीना ने बताया कि मार्च महीने में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की संख्या और आशा सहयोगिनी द्वारा आशा सॉफ्ट क्लेम के तथ्यों में पाए गए अंतर को वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में माना गया तथा इस पर कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
उन्होंने बताया कि मार्च माह में इस केन्द्र के ए एन सी रजिस्टर के अनुसार 3 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया गया जबकि आशा सॉफ्ट के माध्यम से आशा क्लेम फॉर्म की संख्या इससे कहीं अधिक दर्ज की गई थी इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जवाब मांगा गया है।

उन्होंने बताया कि आशा सहयोगिनियों द्वारा करीब 75 आशा क्लेम फार्म का दावा किया गया जबकि ए एन सी रजिस्ट्रेशन मात्र 3 दर्ज किए गए। आशा क्लेम फॉर्म भरने वाली आशा सहयोगिनी संतोष द्वारा 8 क्लेम फॉर्म के माध्यम से 10 हजार 985 रुपए, संजू कुमारी द्वारा 8 फार्म भर 7100 रुपए, रीना द्वारा 6 फार्म भरकर 9200 रुपए, ,पुष्पा द्वारा 5 फार्म भरकर 9805 रुपए, कांता कंवर द्वारा 9 फार्म भरकर 12750 रुपए, शेर बानो द्वारा 10 फार्म भरकर 12975 रुपए, सुशीला द्वारा 8 फार्म अपलोड करवाकर 11555 रुपए, मंजू कंवर द्वारा 6 फार्म भरकर 14975 रुपए तथा द्रौपदी द्वारा 15 आशा क्लेम फॉर्म के माध्यम से 4575 रुपए के आवेदन फार्म आशा सॉफ्ट पर अपलोड करवाते हुए राशि का दावा किया गया ।

आशा क्लेम के सभी फॉर्म सक्षम अधिकारी से बिना प्रमाणित करवाकर ही आशा सॉफ्ट पर अपलोड कर दिया गया।‌ इसे गंभीर से‌ लेते हुए कारण स्पष्ट करने की कार्यवाही की‌ गई।
उन्होंने बताया कि यूपीएचसी में अप्रैल माह के दौरान 45 ए एन सी प्रकरण दर्ज किए गए जिनमें से 30 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण नहीं किया गया जबकि चार महिलाओं का दूसरा टीकाकरण भी बकाया पाया गया। उन्होंने बताया कि पाई गई गड़बड़ियों के संबंध तथ्यात्मक रिपोर्ट तथा स्पष्टीकरण 3 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, अन्यथा संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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