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जीत के जश्न का मार्केट को हो रहा है इंतजार

– छोटा चुनाव बड़ा कारोबार

बीकानेर। देश में इन दिनों चुनाव चर्चा जोरों पर है। इन चुनावों के नतीजे आने के बाद बारी आती है जीत के जश्न की। इस जश्न से कुछ खास मार्केट की सेहत पर असर पड़ता है। यह निर्भर करता है चुनाव किस नेचर का है। जीत चाहे किसी की भी हो रौनक कुछ ही कारोबार में नजर आती है। ऐसे कारोबारियों को फटाफट चुनाव सम्पन्न होने और जल्द ही नतीजे आने का इंतजार हो रहा है। कारोबारियों के अनुसार छोटे स्तर के चुनाव में तुलनात्मक रूप से बड़ा कारोबार होता है। कारोबारियों के अनुसार लोकसभा चुनावों में कम और पार्षद चुनावों में ज्यादा गुलाल उड़ती है। वहीं पटाखों की बात करें तो विधानसभा चुनाव में ज्यादा पटाखे फूटते हैं बजाय लोकसभा चुनाव के।

कारोबारी सेहत के लिए बेहतर है पार्षद चुनाव

गुलाल मैन्युफैक्चरर्स विपुल नाहटा कहते है कि लोकसभा चुनाव में उतनी गुलाल नहीं उड़ती जितनी पार्षदों के चुनावों में उड़ती है। भले ही लोकसभा का चुनाव क्षेत्र बड़ा हो, लेकिन कारोबारी सेहत के लिए पार्षदों का चुनाव ही अच्छा जाता है। नाहटा कहते है कि लोकसभा इलेक्शन में जहां गुलाल के 4 से 5 बैग व विधानसभा चुनाव में 70 बैग निकलते हैं वहीं पार्षदों के चुनाव में 150 के करीब गुलाल के बैग निकल जाते हैं।

बोनस साबित होते हैं इलेक्शन

पटाखा निर्माता वीरेन्द्र किराडू कहते है कि दीपावली और शादियों में पटाखा कारोबार अच्छा रहता है। वहीं जिन सालों में चुनाव आ जाते हैं तो उन सालों में चुनाव पटाखा कारोबारियों के लिए बोनस साबित होते हैं। पटाखों की सर्वाधिक बिक्री विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद होती है। वहीं लोकसभा चुनावों में ऊंट के मुंह में जीरे के समान बिक्री होती है। लोकसभा की तुलना में पार्षदों के चुनावों में ज्यादा अच्छा कारोबार होता है। क्योंकि यहां 80 वार्डों में 80 पार्षदों के रिश्तेदार व समर्थक होते हैं। लोकसभा चुनाव में इतना क्रेज नहीं रहता। बीकानेर में 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं यानि आठ विधायकों के समर्थक अपने अपने क्षेत्र में आतिशबाजी करते हैं। इसलिए सर्वाधिक पटाखे इसी चुनाव में छूटते हैं। किराडू कहते है कि पार्षद चुनावों के परिणाम दोपहर में आते हैं इसलिए तेज आवाज वाले पटाखे जैसे 12 व 25 शाॅट के सूतली बम्ब और लड़ियां ज्यादा निकलती हैं। वहीं विधानसभा चुनाव में परिणाम शाम तक आते हैं इसलिए रंगीन आतिशबाजी वाले पटाखे ज्यादा निकलते हैं।

चुनाववार जश्न पर खर्च

आइटम लोकसभा विधानसभा पार्षद
गुलाल 7500 रू. 1,05,000 रू. 2,25,000 रू
पटाखे 5 लाख रू. 25 लाख रू. 15 लाख रू

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