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बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल ने पान की दुकान खोलने के लिए प्रशासन से लगाई गुहार

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बीकानेर। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल ने शहर में पान की दुकानें खोलने के लिए जिला प्रशासन से आग्रह किया है। संगठन के अध्यक्ष जुगल राठी ने बताया कि प्रशासन चाहे गुटके व सिगरेट पर प्रतिबंध जारी रखें , लेकिन छोटे व मझोले अल्प आय वर्ग के पान व्यवसायियों को दुकानें खोलने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कम से कम ऐसे 50 हजार लोग हैं जो इस व्यवसाय से जुड़े हुए है। राठी ने बताया कि अचानक लॉक डाउन लग जाने से इन छोटे एवं कम पूंजी वाले व्यवसायियों का राॅ मेटेरियल खराब हो रहा है। ऐसे में इनकी पूंजी जो इस रॉ मैटेरियल को जुटाने में लगी थी उसका कोई रिटर्न नहीं मिल पाने से इन कारोबारियों को चिंता में डाल दिया है। अब इनमें से अधिकांश के सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को इन कम पूंजी वाले कारोबारियों को सशर्त दुकानें खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। प्रशासन ऑड इवन वार्ड फार्मूला अपनाकर भी अनुमति दे सकता है। जैसे एक दिन ऑड नम्बर और अगले दिन इवन नम्बर वाले वार्डों को अनुमति देने से व्यवस्था भी नहीं बिगड़ेगी। रही बात पान की पीक थूकने की तो ऐसे व्यक्ति पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। संगठन के सचिव वीरेन्द्र किराड़ू ने बताया कि शहरी परकोटे में एक बड़ा वर्ग पान का व्यसनी है और ऐसे ग्राहक कम पूंजी वाले दुकानदारों के लिए लाइफ लाइन का काम करते हैं। किराड़ू ने बताया कि सरकार जब शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे सकती है तो पान की दुकानें खोलने में क्या दिक्कत है। शराब पीने के बाद व्यक्ति उत्पात मचा सकता है, कानून और व्यवस्था के लिए समस्या बन सकता है। वहीं पान खाने वाला कम से कम ऐसी समस्या तो पैदा नहीं करेगा। इसके अलावा इस बात की क्या गारंटी है कि कोई जरूरत से ज्यादा नहीं पिएगा ? ऐसे पियक्कड़ शराबी के मुंह से झाग नहीं निकलेंगे ? यदि वह कोरोना संक्रमित है और उसका झाग या उल्टी आमजन के लिए मुश्किल नहीं बन सकता तो फिर पान की पीक से भी कोई समस्या नहीं होगी। कम से कम पीक थूकने वाला पूरे होशोहवास में तो होता है। स्वास्थ्य के मद्देनजर पान को आयुर्वेद ने मान्यता दी है। शहर में तो खांसी से बचाव के लिए खास पान की डिमांड रहती हैं। उस दृष्टिकोण से भी इन दिनों पान का महत्व और भी उचित प्रतीत होता है। संगठन प्रशासन से पान की दुकाने खोलने की अनुमति देने की मांग करता है।

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