विज्ञान का संचार अपनी भाषा में करना विज्ञान और जनमानस की बड़ी सेवा है : डॉ डी डी ओझा
सीएसआईआर-सीरी में विश्व हिंदी दिवस समारोह का आयोजन
विज्ञान पत्रिका इलेक्ट्रॉनिक दर्पण का हुआ विमोचन
पिलानी। सीएसआईआर-सीरी में कल 10 जनवरी, 2023 को विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध विज्ञान लेखक एवं पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ दुर्गादत्त ओझा मुख्य अतिथि तथा प्रोफेसर अनिता जैन, डीन एवं अध्यक्ष, संस्कृत विभाग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संस्थान के मुख्य सभागार में आयोजित किए गए कार्यक्रम में आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ अभिजीत कर्माकर सहित संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य, वैज्ञानिक एवं अन्य सहकर्मी उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों ने संस्थान की विज्ञान पत्रिका ‘इलेक्ट्रॉनिक दर्पण (वर्ष 2022, अंक 6) का विमोचन किया।
मुख्य अतिथि डॉ दुर्गादत्त ओझा ने अपने संबोधन में विज्ञान लेखन की आवश्यकता और महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि विज्ञान एवं उसके लाभों को अपनी भाषा में भारतीय जनमानस तक पहुँचाना विज्ञान और मानवता की सेवा है। डॉ ओझा ने अपने संबोधन में स्वतंत्र भारत की 75 प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अनीता जैन ने वैश्विक हिंदी : विविध आयाम विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि हिंदी भारत की ऐसी महानदी है जिसे अवधी, ब्रज, मैथिली, भोजपुरी, राजस्थानी आदि अनेक मातृभाषा-रूपी सरिताओं ने समृद्ध किया है। अपने संबोधन में उन्होंने वैदिक युग से वर्तमान युग तक की भाषिक यात्रा की भी चर्चा की। दोनों ही अतिथियों ने स्वयं को आमंत्रित करने के लिए डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीरी के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने सभी सहकर्मियों को विश्व हिंदी दिवस की बधाई दी। उन्होंने इस आयोजन की प्रासंगिकता व महत्व के बारे में बताते हुए सरकार की नई शिक्षा नीति की भी चर्चा की। उन्होंने संस्थान में हिंदी के कामकाज पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने अतिथियों को शॉल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। अतिथियों ने इलेक्ट्रॉनिक दर्पण प्रकाशित आलेखों के लेखकों को प्रशस्ति पत्र भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ हिंदी अधिकारी श्री रमेश बौरा ने किया। उन्होंने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया तथा सहकर्मियों को अतिथियों का औपचारिक परिचय दिया। अंत में आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ अभिजीत कर्माकर, मुख्य वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।