BikanerEducationExclusiveInternationalTechnology

कैन्सर के उपचार में ब्रह्मास्त्र बनेगी विकिरण तकनीक

0
(0)

डूंगर कॉलेज में सम्पन्न हुआ विकिरण विषयक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन
– वर्चुअल माध्यम से जुड़े विश्व वैज्ञानिक

– विकिरण के दुष्प्रभावों को कम करते हैं हर्बल उत्पादों का इस्तेमाल

बीकानेर 21 जनवरी। सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग एवं इण्डियन सोसायटी फोर रेडियेशन बायोलोजी के संयुक्त तत्वावधान में 19 से 21 जनवरी तक तीन दिवसीय विकिरण एवं केन्सर विषयक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। प्राचार्य डॉ. जी.पी.सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय इस सम्मेलन में अमेरिका के राव पेपिनेनी, ऑस्ट्रेलिया की ईवा बीजेक एवं जर्मनी के क्रेट्ज सहित देश विदेश के जाने माने विकिरण एवं केन्सर वैज्ञानिक वर्चुअल माध्यम से शरीक हुए। डॉ. सिंह ने बताया कि इस सेमिनार के समापन समारोह में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ऑनलाइन अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन से केन्सर जैसे गम्भीर रोग के निदान एवं उपचार के बारे में नवीनतम जानकारी मिल सकेगी। मंत्री शेखावत ने कहा कि डूंगर कॉलेज के प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम से महाविद्यालय के शोधार्थियों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों से ऑनलाइन रूबरू होने का स्वर्णिम अवसर मिला है।

IMG 20220121 WA0028

संयोजक डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि तीन दिवसीय इस सम्मेलन में नई दिल्ली के नाभिकीय औषधि एवं संबद्ध विज्ञान संस्था तथा अन्तर विश्वविद्यालय त्वरक केन्द्र के वैज्ञानिकों ने प्रमुखता से सहभागिता की। डॉ. पुरोहित ने बताया कि सम्मेलन में कुल आठ सत्रों में 31 आमंत्रित व्याख्यान हुए साथ ही लगभग 200 वैज्ञानिकों ने विभिन्न माध्यमों से अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। समापन समारोह के अवसर पर 6 शोधार्थियों को युवा वैज्ञानिक अवार्ड एवं 30 प्रतिभागियों को बेस्ट पोस्टर अवार्ड से नवाजा गया। डॉ पुरोहित ने बताया कि मोबाइल से भी रेडिएशन निकलती है। इसलिए इसका उपयोग कम हो या फिर कान से दूर रख कर बात करें। पुरोहित ने बताया कि विकिरण के अच्छे प्रभाव भी है तो दुष्प्रभाव भी है। इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए हर्बल उत्पादों का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि आंवला, ग्वारपाठा (एलोवीरा) विकिरण के दुष्प्रभाव को कम करते हैं।

डॉ. अरूणा चक्रवर्ती ने समापन समारोह में आयोजन सचिव के रूप में कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए इस प्रकार के सम्मेलन की महता के बारे में बताया। डॉ. चक्रवर्ती ने बताया कि यह सम्मेलन पहले अक्टूबर 2020 में होना था जिसे कोरोना की वजह से स्थगित करना पड़ा था। इसके पश्चात इस सम्मेलन को ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों ही माध्यम से आयोजित किया गया।
इण्डियन सोसाटी फोर रेडिएशन बायोलॉजी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मधुबाला ने अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सोसायटी की कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि आचार्य तुलसी केन्सर अस्पताल के डॉ. शंकर लाल जाखड़ ने बताया कि डूंगर कॉलेज के प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा सर्वोत्तम शोध कार्य किया जा रहा है जिससे केन्सर के रोगियों के उपचार में समुचित सहायता मिल सकेगी। सहायक निदेशक डॉ. राकेश हर्ष ने कहा कि अन्य विभागों को भी प्राणीशास्त्र विभाग से प्रेरणा लेकर इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करने चाहिए। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन डॉ. सोनू शिवा एवं डॉ. शशिकांत आचार्य ने किया। सह संयोजक डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन सहभागिता करने वाले सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में डॉ. नरेन्द्र भोजक, डॉ. हेमेन्द्र भण्डारी, डॉ. सुरेश वर्मा, डॉ. सुचित्रा कष्यप, डॉ. अनिला पुरोहित, डॉ. मनीषा अग्रवाल, डॉ. शिशिर शर्मा, डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, आदि ने सक्रिय भूमिका अदा की।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply