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केन्द्र सरकार जिद छोड़ किसानों से वार्ता करें -सीएम गहलोत

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पिपरालियों की ढाणी मे हुआ किसान सम्मेलन
– तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने एक स्वर में कानून वापिस लेने की मांग

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बीकानेर, 27 फरवरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को ग्राम पंचायत धनेरू कीे पिपरालियों की ढ़ाणी में श्रीगंगापुरी महाराज धाम असलाव परिसर में आयोजित किसान सम्मेलन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने आमजन के लिये बहुत अच्छा कार्य किया हैं। यह सरकार आमजन की सरकार हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना का मुकाबला किया व किसी को भी भूखा नहीं सोने दिया। राजस्थान में कोरोना काल में आमजन को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। आज राजस्थान करीब-करीब कोरोना मुक्त है व नये केस कम आ रहे हैं, इसके बावजूद हमें कोरोना प्रोटोकाॅल रखना है।

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जिले के श्रीडूंगरगढ़ में शनिवार को कांग्रेस ने किसान सम्मेलन की इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अजय माकन शामिल हुए। महापंचायत में सीएम अशोक गहलोत ने इशारों इशारों में केंद्र सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकारें कभी जिद नहीं करती। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रजातंत्र में मुखिया को जिद नहीं करनी चाहिए। ऐसा लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों पर रावला में वसुंधरा राजे सरकार ने गोलियां चलवाई। राजे के पहले कार्यकाल में 21 बार फायरिंग हुई 90 लोग मारे गए। कर्नल बैंसला को हमने समझा कर बात की।  हमने एक बार भी लाठी चार्ज तक नहीं होने दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय सरकार एक प्रजातांत्रिक सरकार है और उसे किसानों की बात पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन करना भी एक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। मगर वर्तमान परिस्थिति में केंद्र सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा रही है। केन्द्र सरकार के विरूद्ध बोलने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार कर, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने में लगी है। सरकार को जिद छोड़कर, आगे आकर धरने पर बैठे किसानों से वार्ता करनी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि केंद्र की सरकार की हठधर्मिता और सभी संवैधानिक पदों पर जिस तरह का उसने अंकुश लगा रखा है, प्रजातंत्र और संविधान के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि देश 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने देश के राष्ट्रपति से मुलाकात करने का समय मांगा, मगर बड़े अफसोस की बात है कि राष्ट्रपति कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों को मिलने के लिए समय नहीं दे पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सभा में बड़ी संख्या में किसानों, महिलाओं के पहुंचने पर कहा कि आज की इस किसान महा पंचायत सभा में जनता में जो उत्साह देखने को मिल रहा है वह अपने आप में केन्द्र सरकार के प्रति नाराजगी दिखाती हैं। उन्होंने कहा कि जनता में बजट के बाद एक उमंग और उत्साह का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष से हम 3 हजार 500 करोड़ रूपए की लागत से देश में पहली बार हमारे प्रदेश में यूनीवर्सल हैल्थ कवरेज लागू करेंगे। इसके मायने हैं कि राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपए की चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस प्रकार आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के एनएफएसए. एवं एसईसीसी. परिवारों के साथ-साथ समस्त संविदाकर्मीयों, लघु एवं सीमान्त कृषकों को निःशुल्क तथा अन्य परिवारों को बीमा प्रीमीयम की 50 प्रतिशत राशि पर (अर्थात लगभग 850 रूपए वार्षिक खर्च पर ) सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में कैशलेश ईलाज हेतु 5 लाख रूपए तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 36 कोमों की पार्टी है। कांग्रेस के राज में देश में विकास के कई नए आयाम स्थापित कर रखे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बजट में खेती-किसानी पर खास जोर दिया है। कृषि को महत्व देते हुए अब अगले साल से आम बजट के साथ ही अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा। मख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में किसानों को खेती की बिजली के लिए भी अलग से कृषि बिजली वितरण कम्पनी बनाने की घोषणा की है।  उन्होंने कहा कि इस डेडिकेटेड बिजली कम्पनी से खेती की बिजली का वितरण और मैनेजमेंट होगा जो किसान कर्जमाफी से वंचित रह गए हैं, उन किसानों को भी अपने बजट में राहत देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों की ओर से काॅमर्शियल बैंकों से लिया गया कर्ज वन टाइम सैटलमेंट के जरिए कर्ज माफ करने की घोषणा की है। इस साल 16 हजार करोड़ का ब्जया मुक्त फसली कर्ज दिया जाएगा। 3 लाख नए किसानों को कर्ज मिलेगा। इस योजना में पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री कृषण साथी योजना शुरू होगी। सीएम ने कहा कि  किसानों को सीधा फायदा देने के लिए कृषक साथी योजना शुरू की है, जिसमें 5 लाख किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध करवाने के साथ कई सुविधाएं दी जाएंगी। 3 लाख किसानों को बायो फर्टिलाईजर दिए जाएंगे। एक लाख किसानों को कंपोस्ट यूनिट, 30 हजार किसानों को फर्मा पाॅण्ड बनाए जाएगें। स्प्रिकलर दिए जाएगें। 120 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाए जाएगें।  मुख्यमंत्री ने कहा कि सुजानगढ़ के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। यहां से जितनी भी मांगे सरकार स्तर पर आई उन सभी का सरकारी स्तर पर निर्णय करके पालना कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सुजानगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर पानी, शिक्षा,सड़क, सहित आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए बड़ी घोषणाएं इस बजट में की गई है।
पूर्व केन्द्रिय मंत्री अजय माकन ने कहा कि देश की राजधानी सीमा में पिछले 4 महीने से किसान ठंड में सडकों पर बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि काला कानून जो किसानों से बगैर सलाह किए लागू किया है, इससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जायेगा।  उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत करें तथा फिर कानून को लागू करें। उन्होंने कहा कि कृषि कानून बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने ना ही किसानों से सलाह की और ना ही बात की। फिर भी इस काले कानून को लागू कर दिया। उन्होंने बताया कि इस कानून से जमाखोरी बढ़ेगी और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को इसका लाभ मिलेगा। इस कानून से गरीब किसान की जमीन बड़े-बड़े उद्योगपतियों के अधीन हो जाएगी।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने केंद्र सरकार द्वारा लाएं गए तीन कानून को काला कानून बताते हुए कहा कि पहले कृषि कानून में व्यापार व उद्योग को बंद करके मंडियों को समाप्त कर दिया, एमएसपी का कोई जिक्र नहीं है।  इससे 12 से 15 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे।  दूसरा कानून में किसान भाई अपनी जमीन को गिने चुने  बड़े-बड़े उद्योगपतियों, कंपनियों को खेती के लिए लीज पर दे देगा, उनको बीज एवं उर्वरक बडी-बडी कम्पनियों से खरीदना होगा। अपनी फसल को भी उन्हीं उद्योगपतियों को बेचना पड़ेगा और मिनिमम सपोर्ट प्राइस मिलेगा या नहीं मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं हैं।
डाॅ. कल्ला ने कहा कि इस कानून से किसान अपने को ठगा सा महसूस करेगा और अपने ही खेत में बंधुआ मजदूर की तरह कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि उसे ऐसा लगेगा कि यह खेत उसका है परंतु वास्तव में यह खेत उद्योगपतियों और निजी कंपनियों का होगा। उन्होंने बताया कि दूसरा कानून बड़ा खतरनाक है। यह किसानों को अपनी जमीन से अलग करने वाला है। अगर कोई विवाद होता है तो किसी सिविल कोर्ट में नहीं जा सकते। तीसरा कानून इसमें न्यूनतम आवश्यक वस्तु अधिनियम जो 1953 में पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने लागू किया था जिसमें जमाखोरी और मिलावट खोरी को रोकना था, जबकि वर्तमान सरकार ने आलू एवं प्याज की कीमत 50 व 100 प्रतिशत बढ़ने पर न्यूनतम आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं स्टाॅक लिमिट निर्धारित करने नियम लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून वापस लिए जाने चाहिए।
किसान सम्मेलन में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि पूर्व मंत्री स्व.मास्टर भंवरलाल मेघवाल और मैंने साथ काम किया। हमें एक बार फिर से सुजानगढ़ की सीट जीतनी है। कांग्रेस की जीत के लिए आज से ही सब काम में जुट जाए। उन्होंने यह भी कहा कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का पार्टी शुरू से विरोध कर रही है।
शिक्षा राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) और जिला प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसान तकलीफ में है। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार उस समय सरकार ने किसानों के सामने एक वादा किया था कि हम किसान की आमदनी को दुगुना करेंगे। किसान की जो लागत आती है उस लागत के ऊपर 50 प्रतिशत मुनाफा देंगे तथा हमारे नौजवान साथियों को रोजगार देंगे एवं माताएं बहनों के कल्याण की बात की थी। उन्होंने किसानों के लिए कहा था कि 70 साल में कांग्रेस ने जो नहीं किया वह हम करेंगे, लेकिन एनडीए में मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने सबसे पहले जो काम किया वह किसानों के साथ कुठाराघात करने का काम किया। मोदी जी ने अपने कुछ मित्रों को साथ लेकर किसानों की उपज को हड़पने का षड्यंत्र रचा और यह तीन काले कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि ये 3 काले कानून किसान को किसान नहीं रहने देंगे, किसान को मजदूर बना देंगे, किसान बर्बाद हो जाएगा, आज जो कृषि कानून के विरोध में किसान तीन-चार महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है।  किसानों के लिए कानून लाने की बात नहीं की, तो यह तीन काले कृषि कानून क्यों लेकर आए है ? यह कानून लेकर आए उसे पहले अदानी और अंबानी जैसे पूंजीपति मोदी जी के मित्रों ने बड़े-बड़े गोदाम बना लिए।
डोटासरा ने कहा कि  राहुल गांधी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा की यात्राएं कर रहे हैं और यह पूछ रहे हैं कि मोदी जी इन तीन काले कानून की मांग किसने की थी। आप किसानों को परेशान कर रहे हैं किसान के वजीर बनने वाले मोदी जी आप अपने मित्रों के वजीर बनकर रह गए। उन्होंने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। दूसरी तरफ हमारी राज्य की सरकार है जो अशोक गहलोत के नेतृत्व में सबसे पहले किसानों के ऋणों को माफ करने का काम किया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री एवं चूरू जिला प्रभारी मंत्री भंवरसिंह भाटी ने सुजानगढ विधानसभा क्षेत्र से संबंधित कई जन-कल्याणकारी घोषणाओं की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि  राज्य सरकार ने सुजानगढ़ न्यायालय परिसर में 22 एडवोकेट चैम्बर्स निर्माण करने की वित्तीय वर्ष 2020-21 में उपलब्ध बजट प्रावधान में से राशि रुपये 87.13 लाख की स्वीकृति जारी कर दी है। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुजानगढ में स्नातक स्तर पर भूगोल विषय व स्नातकोत्तर स्तर पर हिन्दी साहित्य, राजनीति विज्ञान, गणित खोले जाने एवं राजकीय महाविद्यालय बीदासर में स्नातक स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय व स्नातकोत्तर स्तर पर भूगोल एवं राजनीति विज्ञान विषय खोलते हुए महाविद्यालय को स्नातकोत्तर स्तर पर क्रमोन्नत की गई हैं। साथ ही महाविद्यालयों में नवीन पद भी सृजित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि इस बजट में सुजानगढ़ में पूर्व मंत्री मास्टर भंवर लाल के नाम पर बालिका महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई, जिसे शीघ्र मूर्तरूप दिया जायेगा।
किसान सम्मेलन को महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री ममता भूपेश, विधायक गोविन्द मेघवाल, विधायक कृष्णा पूनिया, विधायक नरेन्द्र बुढ़ानिया, मनोज मेघवाल, अख्तर शमीम, सोना देवी बावरी, सूरजाराम ढ़ाका, इदरीश गौरी, भंवर पुजारी आदि ने तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने पर की पूरजोर शब्दों में मांग की।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल, विधायक भंवर लाल शर्मा,महेन्द्र लेघा, पूर्व प्रधान गणेश ढ़ाका, पूर्व प्रधान गोविन्द गोदारा, पूर्व प्रधान दीवान सिंह, गजेन्द्र सिंह खांखला, सूरजाराम ढ़ाका, सुजानगढ़ की नगर पालिका अध्यक्ष निलोफर गौरी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन मौजूद थे। डूंगरगढ़ की सभा में बीकानेर नागौर और चूरू के लोग शामिल हुए अपना फोकस चूरू के सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र को किया गया है
  इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत के ढाणी पिपरालिया में पहुंचने पर हैली पैड पर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, संभागीय आयुक्त बी.एल.मेहरा, जिला कलक्टर नमित मेहता,  जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने अगवानी की।
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