प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारी भरेंगे हुंकार, 11 को आयोजित होगी हुंकार रैली
बीकानेर। अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने अवगत कराया कि राजस्थान में सरकार द्वारा मंत्रालय कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करने की स्थिति में आंदोलन की हूंकार भरने का निर्णय किया है। प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों के हितों के लिए संगठन 11 जनवरी को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के साथ हूंकार रैली जिला कलेक्टर बीकानेर के सामने से निकालेगा। प्रदेश का मंत्रालयिक कर्मचारी अलग अलग तरीके अपनाकर प्रदेश सरकार का ध्यान हमारी मांगों पर ले जाने हेतु भरसक प्रयास कर रहा है किंतु सरकार हमारी मांगों पर मूकदर्शक बनकर हमारी परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाकर उदासीन रवैया प्रदर्शित कर रही है, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत ने अवगत कराया कि हमारी मुख्य मांगे हैं। कनिष्ठ सहायकों को विशेष दर्जा देकर ग्रेड पर 3600 शो करना 2. वित्त विभाग राजस्थान सरकार के 30 अक्टूबर 2017 के शेड्यूल 5 के तहत हुई वेतन कटौती को निरस्त कर सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। मंत्रालय कर्मचारियों के हित में प्रथक से निदेशालय का गठन कर प्रदेश के समस्त विभागों में स्टेट पेरेट्टी के आधार पर मंत्रालयिक के उच्च पदों का सृजन किया जाए।4. सभी विभागों के नवनियुक्त कनेक्ट सहायकों की गृह जिला परिवेदनाओं का निस्तारण कर हमारे नवनियुक्त को गृह जिलों में अथवा नजदीक स्थान पर पदस्थापित किया जाए। 5. समस्त विभागों के राजकीय कार्यालयों में मंत्रालय कर्मचारियों के अतिरिक्त अन्य वर्ग के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति निरस्त कर मंत्रालयिक पदों का सृजन किया जाए। निदेशालय शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों को तुरंत प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाए। 6. वर्ष 2004 के पश्चात नियुक्त राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के समस्त लाभ स्वीकृत कराई जाए। उक्त मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए। सरकार द्वारा, नहीं तो पेन डाउन की घोषणा जल्द कर दी जाएगी। सोमवार को गांधी पार्क में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई, जिसमें, प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी , प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत, प्रदेश संगठन मंत्री विक्रांत जोशी, प्रदेश कार्यालय मंत्री तरुण मोदी, बीएलओ कर्मचारी, सुरेश केसवानी, ललित अबानी, सुरेंद्र, कमल प्रजापत आदि मौजूद हुए। मीटिंग में बीएलओ की मांगों पर भी समर्थन देने का फैसला लिया गया।