नंदोत्सव में गूंजे जयकारे, भागवत कथा में सप्रसंग व्याख्या
बीकानेर। मूंधड़ा चौक में चल रही भागवत कथा में गुरुवार को नंदोत्सव मनाया गया।
इस दौरान पंडाल ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की… के जयघोष से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने थालियां बजाकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। कथा वाचक भागवताचार्य डॉ. गोपाल नारायण व्यास ने सप्रसंग व्याख्या की। उन्होंने कहा कि आनंदित मन से सभी इन्द्रियों को भगवान के पास ले जाना, संसार से अपना चित्त अनासक्त करना और भक्तों के हृदय में सहज प्रेम को जगाना ही नंदोत्सव है। उन्होंने भागवत कथा श्रवण के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ.गोपाल नारायण ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आस्थावान श्रद्धालुओं को भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए।

कथा में बाल कृष्ण और नंदबाबा की सजीव झांकी निकाली गई। नंद बाबा ने सबके साथ मिलकर नृत्य गायन किया, तो माहौल आनंदमय हो गया। पंडित गोपाल नारायण ने कहा कि प्रसंगों की व्याख्या करते हुए बताया कि कृष्ण जन्म को नंद महोत्सव कहा जाता है । उन्होंने पूतना उद्धार, शकट भंजन लीला, तृणावर्त उद्धार, नामकरण संस्कार, बाल लीला, दामोदर लीला, गोकुल से वृंदावन गमन तथा वत्सासुर एवं बकासुर उद्धार लीलाओं का वर्णन किया। नंदोत्सव के दौरान उपेन्द्र नारायण व्यास, दिव्यांश एवं शिव शंकर व्यास ने प्रसंग अनुसार संगीतमय भजनों की प्रस्तुति से समां बांध दिया।