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भाग्य निर्माता शिक्षकों की हो रही दुर्गति, नहीं मिला सात माह से वेतन, पीड़ित कर्मचारियों का तीसरे दिन उग्र प्रदर्शन, आने वाले दिनों में मुख्य द्वारा पर ताला जड़ लगाया जाएगा जाम

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– विद्यार्थी भी आये कर्मचारियों के समर्थन में, कहा गुरुजनों की ऐसी हालत बर्दाश्त से बाहर, सरकार तुरंत निकाले समाधान, विद्यार्थी भी शामिल होंगे आने वाले दिनों के आन्दोलन में

बीकानेर। कई देशों में शिक्षकों को मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है । भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर का दर्जा गया है माता पिता के बाद सर्वाधिक सम्मान भारतीय संस्कृति में गुरु को दिया गया है, लेकिन बीकानेर में राजस्थान सरकार गुरुजनों को तिरिस्कृत व अपमान करने करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है । सरकार द्वारा ही नियंत्रित अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के 401 कर्मचारियों को राजस्थान सरकार की लापरवाही के चलते पिछले सात माह से वेतन नहीं मिला है। पिछले तीन दिन से चल रहे धरने के तीसरे दिन सरकार व प्रशासन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया गया। शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ अब ईसीबी के वर्तमान एवं पूर्व छात्रों ने भी इस मुहीम में समर्थन दे सरकार को समाधान निकालने की अपील की है। सभी कर्मचारियों ने अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए ट्विटर, व्हाट्सअप, ईमेल व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अधिकारियों, जनप्रतिनिधियो, मंत्रियों तक पहुंचाने का प्रयास जारी है।

रेक्टा अध्यक्ष डॉ शौकत अली ने बताया कि पिछले दो दिनों के धरने के दौरान कक्षाओं का बहिष्कार व अतिरिक्त प्रसाशनिक दायित्वों से इस्तीफा दिया जा चुका है। आने वाले दिनों में महाविद्यालय के मुख्यद्वार पर ताला जड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सात महीनों से वेतन नहीं मिलने के उपरांत भी कोरोना काल में शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्य यथावत जारी रखे हुए थे। इन सात महीनों में सरकार से कई पत्राचार कर समस्या को सुलझाने हेतु आग्रह किया गया था। सरकार द्वारा वेतन नहीं देने पर कर्मचारियों को आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ा। अशैक्षणिक कर्मचारी नेता संतोष पुरोहित ने कहा कि हम आखिरी साँस तक संघर्ष जारी रखेंगे। अपनी मांग को सरकार तक पहुंचने के लिए ट्विटर, व्हाट्सअप, ईमेल व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अधिकारियों , जनप्रतिनिधियो, मंत्रियों तक पहुंचने का प्रयास जारी है तथा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन प्राचार्य को सौंप दिया है।

वेतन नहीं मिलने के कारण यह है समस्या
रेक्टा प्रवक्ता डॉ. धर्मेन्द्र सिंह ने बताया की पिछले सात महीने का वेतन नहीं मिलने के कारण सभी कर्मचारियों में काफी रोष है, अभी तक सरकार तथा महाविद्यालय प्रशासन पर भरोसा कर किसी भी प्रकार की शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों को शिक्षकों व अशैक्षणिक कर्मचारियों द्वारा विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बाधित नहीं किया गया था, किन्तु अब सभी परिवारों का आर्थिक गुजारा नहीं चल रहा है, मेडिकल सम्बन्धी समस्याओं के लिए भी कर्मचारियों को बगल का मुंह ताकना पड़ रहा है, किश्ते समय पर नहीं भर पा रहें हैं, मकान का किराया कर्मचारी नहीं दे पा रहें है इत्यादि कई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरह से आर्थिक वज्रपात सा हो चला है।

आगे और उग्र होगा आन्दोलन
वेतन नहीं देने पर सभी संकाय सदस्य समस्त प्रकार का कार्य का बहिष्कार कर उग्र आन्दोलन की और अग्रसर होंगे। महाविद्यालय में चल रही इंटरनल व एक्सटर्नल परीक्षाओं का भी बहिष्कार किया जाएगा। धीरे धीरे यह आन्दोलन और उग्र रूप लेगा।

मुख्यमंत्री सहित, राज्यपाल, कई मंत्रियों, कुलपति व आईएएस को पूर्व में लिख चुकें हैं पत्र
वेतन दिलाने तथा ईसीबी की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु अनेकों अनेकबार मुख्यमंत्री सहित, राज्यपाल, तकनीकी शिक्षा मंत्री, उर्जा मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा, जिला कलेक्टर बीकानेर, संभागीय आयुक्त बीकानेर, कुलपति बीटीयू बीकानेर, कुलपति आरटीयू कोटा, संयुक्त सचिव तकनिकी शिक्षा, प्राचार्य ईसीबी आदि प्रशासन को पत्र लिख मांग की गयी थी कि वेतन सम्बन्धी समस्या को न सुलझाने पर उपरोक्त लिखी गतिविधियों के लिए सरकार तथा प्रशासन ही जिम्मेदार होगा।

यही स्थिति है पूरे राजस्थान के सरकारी नियंत्रित अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की
पूरे राजस्थान में 11 सरकारी नियंत्रित सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय संचालित हैं l आने में 6 महीनों में सातवे वेतन आयोग, विद्यार्थियों से आई फीस में इजाफा ना होना, लगातार प्रतिवर्ष बढ़ते आवर्ती व गैर आवर्ती मद के खर्चों के कारण कमोबेश सभी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की यही हालत होनी है। राजस्थान सरकार का तकनीकी शिक्षा के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया शुरू से ही रहा है। पूरे देश के हर राज्य में सम्पूर्ण सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय संचालित हैं वहीँ राजस्थान में एक भी पूर्ण सरकारी राज्याधीन अभियांत्रिकी महाविद्यालय संचालित नहीं है।

डॉ शौकत अली
अध्यक्ष, राजस्थान अभियांत्रिकी महाविद्यालय शिक्षक संघ

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