ठेकेदार एक साथ पूरी सड़क का निर्माण करवाएं ताकि पेचवर्क की जगह नई सड़क का निर्माण हो जाए
– आरयूआईडीपी और न्यास समन्वय कर सड़क का निर्माण करें
बीकानेर, 29 सितम्बर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि आरयूआईडीपी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सीवरेज का कार्य कर रहा है और इस दौरान टूटी हुई सड़क ठीक हो, इसके लिए आरयूआईडीपी और नगर विकास न्यास समन्वय स्थापित कर, ऐसी व्यवस्था रखे कि आरयूआईडीपी के ठेकेदार को सड़क के शेष भाग का भुगतान न्यास कर दे और ठेकेदार एक साथ पूरी सड़क का निर्माण करवाएं। इससे सड़क में पेचवर्क की जगह नई सड़क का निर्माण हो जाएगा और यातायात भी सुगम होगा। आरयूआईडीपी द्वारा 7 मीटर चैड़ाई में सड़क का निर्माण करवाया जाता है, शेष सड़क का निर्माण के भुगतान की व्यवस्था नगर विकास न्यास द्वारा की जायेगी।
जिला कलक्टर ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों की समीक्षात्मक बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंता को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र के जीएलआर की सफाई नियमित रूप से की जाए, सफाई करते समय ग्रामीण क्षेत्र में जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में सफाई हो अथवा क्षेत्र के किसी मोजीज व्यक्ति की उपस्थिति में सफाई की जाए तथा जीएलआर पर सफाई की दिनंाक अंकित की जाए।
उन्होंने जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अभियंता से कहा कि उनके द्वारा मार्च तक जिले में 26 जीएसएस का निर्माण का कार्य पूरा करना है। सभी जी एस एस निश्चित समय सीमा में बन जाए, यह भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दो ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का अधिग्रहण जिला प्रशासन द्वारा किया हुआ है, दोनों ही स्थानों में विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से हो, यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए। किसी भी स्थिति में विद्युत सप्लाई के कारण ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए।
राजभवन, मुख्यमंत्री कार्यालय तथा विभिन्न आयोगों से प्राप्त पत्रों का जवाब तत्काल भेजा जाए
जिला कलक्टर ने सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि राजभवन, मुख्यमंत्री कार्यालय, विभिन्न आयोगों से प्राप्त पत्रों का जबाव पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय पर दिया जाए। साथ ही जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्र तथा विधानसभा के प्रश्न आदि का भी सक्षम अधिकारी द्वारा जबाव देना सुनिश्चित हो।
शहर की सफाई व्यवस्था की नियमित माॅनिटरिंग हो-उन्होंने कहा कि नगर निगम और नगर विकास न्यास चैराहों पर लगे फव्वारों को चालू रखे और जो फव्वारें खराब है,उनको सही करवाकर,शीघ्र शुरू करवाएं। उन्होंने निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था को जारी रखते हुए, सफाई कार्मिक रेडियम जाकेट पहने यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए उन्होंने निगम उपायुक्त को निर्देश दिए कि वे सफाई कार्यों की नियमित माॅनिटरिंग करें तथा जो सफाई कार्मिक वर्दी नहीं पहनता है, उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए। उन्होंने शहर के सभी वार्डों की सफाई व्यवस्था के निरीक्षण को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने निगम और यूआईटी की सड़कों की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त सड़कों को सुधारा जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन क्षतिग्रस्त रोड का सर्वे हो चुका है, उनका कार्य निगम और नगर विकास न्यास शुरू कर दे।
बिना अनुमति के रोड कट नहीं हो
जिला कलक्टर ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, डिस्काॅम सहित अन्य विभाग विकास कार्य के लिए रोड कट करते हैं, तो उन्हें निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग और नगर विकास न्यास से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के कोई भी विभाग रोड को क्षतिग्रस्त करता है, उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को शहर में पीड्ब्यूडी की रोड के सभी पेच वर्क कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सर्किट हाउस से म्युजियम सर्किल तक वाॅल टू वाॅल रोड़ के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने भ्रमण पथ पर एडवेंचर पार्क विकसित के लिए यूआईटी सचिव को निर्देश दिए और कहा कि इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करवाएं। उन्होंने लिलि पाॅण्ड के पानी के बारे में जाना और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियन्ता को निर्देश दिए कि पानी की जांच करवाई जाए।
मनरेगा में सात दिन में हो सुधार
जिला कलक्टर ने कहा कि मनरेगा के सभी कार्य मानदंडों के अनुसार बेहतर होने चाहिए। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार जरूरत के मुताबिक मिलता रहे। श्रमिकों को भुगतान समय पर हो और औसत मजदूरी को और बेहतर किया जाए। उन्होंने कहा कि इन सभी मानदंडों को ध्यान में रखते हुए जिले में मनरेगा का कार्य बेहतर किया जाए। इन मानदंडों को लागू करने में जहां परेशानी हो, वहां अगले 7 दिनों में गुणात्मक सुधार लाया जाए। सात दिन बाद मनरेगा के कार्यों का पुनः रिव्यू किया जाएगा और अगर कहीं कोई खामी नजर आई तो संबंधित विकास अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य स्वीकृत होने के साथ ही चालू भी हो। शून्य श्रमिक की कोई भी ग्राम पंचायत नहीं होनी चाहिए। विकास अधिकारियों को निर्देश्ेिात किया जाए कि उनकी पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों में श्रमिक नियोजित हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लाॅक में कम से कम 10 हजार मनरेगा श्रमिक नियोजित होने चाहिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी, जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र पाल सिंह, यूआईटी सचिव मेघराज सिंह मीना, जिला रसद अधिकारी यशवंत भाकर सहित पानी-बिजली आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।