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ईसीबी में माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग विषयक फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम का हुआ आगाज

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बीकानेर। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग द्वारा एआईसीटीई द्वारा प्रायोजित माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग एवं सिंथेटिक अपर्चर राडार इंटरफेरोमेट्री विषयक पर पाँच दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारम्भ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली के चेयरमैन प्रो. सहस्त्रबुद्धे द्वारा साझा प्रोग्राम में किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ जयप्रकाश भामू नें एआईसीटीई को इस हेतु ईसीबी को चयनित करने एवं कार्यक्रम आयोजन के लिए फंड उपलब्ध करवाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया ।

कार्यक्रम संयोजक डॉ मनोज कुड़ी नें बताया कि इस कार्यक्रम में पूरे देशभर से 120 इंजीनियरिंग संकाय सदस्यों व शोधार्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया है। आज आयोजित हुए दो तकनीकी सत्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ईसरो), अहमदाबाद के भूतपूर्व प्रख्यात वैज्ञानिक प्रोफेसर कल्ला नें संबोधित किया। उन्होंने भारत के माइक्रोवेव सैटैलाइट उपकरणों और रिमोट सेंसिंग कार्यक्रमों एवं उनकी महत्ता के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला । दूसरे सत्र में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के वैज्ञानिक डॉ शशि कुमार नें सिंथेटिक अपर्चर रडार इंटरफेरोमेट्री के बारे में बताया। इन माइक्रोवेव सैटैलाइट से उपलब्ध कराये गए डाटा केप्रायोगिक उपयोग विभ्भिन क्षेत्रों जैसे बाढ़, भूस्खलन, कृषि, मृदा, बांधों की संरचना की निगरानी के बारे में चर्चा कीl

कार्यक्रमके सहसंयोजक राजेंद्र सिंह शेखावत एवं डॉ इंदु भूरिया ने विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि इस पाँच दिवसीय प्रोग्राममें कुल पंद्रह तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाना है जिसमें देशभर के प्रतिष्ठित संस्थान जैसे आईआईटी, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ईसरो), डीआरडीओ, भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान आदि से प्रोफेसर्स और वैज्ञानिको कोविषय विशेषज्ञ के तौर पर आमंत्रित किया गया है जो कि आगामी सत्रों में माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग की विभ्भिन नवीनतम तकनीकोके बारे में और भविष्य में उनके उपयोग पर प्रतिभागियों को परिचित करा ज्ञानवर्धन करेंगे। तकनीकी सत्र का संचालन रवि कुमार द्वारा किया गया। महाविधालय के डॉ नवीन शर्मा नें बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ट्रेनिंग एवं लर्निंग कार्यक्रमों का उद्देश्य इंजीनियरिंग क्षेत्र के नवीनतम महत्वपूर्ण विषयों में फैकल्टी मेंबर्स को पारंगत करना है।

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