BikanerEducationRajasthan

स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में अब पढ़ सकेंगेे विदेशी विद्यार्थी

5
(1)

आईसीसीआर के साथ विश्वविद्यालय ने किया एमओयू
बीकानेर, 30 जुलाई। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में अब विदेशी विद्यार्थी भी पढ़ सकेंगे। विश्वविद्यालय में विदेशी विद्यार्थियों का प्रवेश भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के माध्यम से होगा। गुरुवार को दोनों संस्थाओं के बीच इससे संबंधित एक करार (एमओयू) हुआ। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने जयपुर से तथा आईसीसीआर के महानिदेशक दिनेश के. पाटनिक ने नई दिल्ली से इस पर हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि इस एमओयू के बाद विश्वविद्यालय में कृषि शिक्षा के लिए दूसरे देशों के विद्यार्थियों के प्रवेश की राह आसान हो सकेगी। एमओयू के तहत डिग्री कार्यक्रम पूर्ण करने के लिए शिक्षण एवं अनुसंधान परियोजनाऐं बनाई जाएंगी। साथ ही विदेशी विद्यार्थियों को अनुसंधान एवं प्रसार से जुड़े प्रशिक्षण दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कृषि शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय गत 32 वर्षों से कार्यरत है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय, विदेशी विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सभी मानक पूरे करता है। यहां इंटरनेशनल हाॅस्टल और सभी अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं हैं। वहीं विदेशी विद्यार्थियों के दाखिले के लिए सिगल विंडो सिस्टम लागू है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा अब तक बीकानेर के तीनों विश्वविद्यालयों, आइसीएआर के संस्थानों के अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ सोयल साइंस भोपाल, सेंट्रल साइल सेलिनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल और नेशनल एग्री फूड बायो टेक्नाॅलोजी इंस्टीट्यूट, मोहाली जैसे स्तरीय संस्थानों के साथ करार किए जा चुके हैं। इनका मुख्य उद्देश्य कृषि विद्यार्थियों को शिक्षा के अधिकतम एवं अत्याधुनिक अवसर उपलब्ध करवाना है, जिससे यह विद्यार्थी, भविष्य में कृषि कल्याण के लिए कार्य कर सकें।

इस दौरान विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डाॅ. प्रकाश सिंह एवं आईसीसीआर के क्षेत्रीय निदेशक सुरेश के. डोगरा मौजूद रहे।

कृषि महाविद्यालय में लगाए पौधे

बीकानेर, 30 जुलाई। कृषि महाविद्यालय परिसर में गुरुवार को पौधारोपण किया गया। उद्यानिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. पी. के. यादव ने बताया कि अधिष्ठाता प्रो. आई. पी. सिंह के नेतृत्व में लगभग सौ पौधे लगाए गए तथा इन्हें ड्रिप सिंचाई पद्धति से जोड़ा गया। इस दौरान कोमल कथूरिया, राणीदान सिंह, ओंकार सिंह, राजा सिंह आदि मौजूद रहे।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply