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बीकानेर में सख्त लाॅकडाउन की उठने लगी है मांग

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बीकानेर, 8 जुलाई। बढ़ते कोरोना के आंकड़ों के मद्देनजर हर ओर से बीकानेर में लॉक डाउन की मांग उठने लगी है। कुछ दिन पहले ही पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी प्रशासन से लॉकडाउन लगाने की मांग कर चुके हैं। वही सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर पोस्ट वायरल हो रही हैं। बता दें कि हमारे न्यूज पोर्टल द इंडियन डेली ने भी इस संबंध में ऑनलाइन सर्वे किया था। सर्वे के नतीजों में भी जनता ने 14 दिन के सख्त लाॅकडाउन की सिफारिश की थी। इसके बाद से बीकानेर में लाॅकडाउन लगाने की मांग तेजी से उठने लगी है। भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य विजय आचार्य ने मुख्यमंत्री राजस्थान अशोक गहलोत को पत्र लिख कर बीकानेर मे बेतहाशा बढ़ रहे कोरोना के मरीजों की संख्या, उसके कारण, उसके उपचार की अपर्याप्त व्यवस्था एवं बढ़ती मृत्युदर पर चिंता व्यक्त करते हुए बीकानेर पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है।
बीकानेर शहर का कोई हिस्सा अब कोरोना से अछूता नही है अब तक पाॅजीटिव आए 638 मरीजों में से 20 की मौत हो चुकी है जो प्रतिशत के हिसाब से 3.14 प्रतिशत है। यह दर पूरे राजस्थान की कोरोना से अब तक मरे लोगों की 2.93 प्रतिशत से काफी अधिक होने से विशेष रूप से चिंतनीय है। विजय आचार्य ने स्पष्ट किया है कि सम्पूर्ण राजस्थान मे 21,404 पाॅजीटिव कोरोना मरीजों में अब तक 472 की मौत हो चुकी है। बीकानेर में इसकी बेहताशा हुई वृद्धि को जिला प्रशासन यह कह कर नजर अन्दाज कर रहा है कि मृतकों में अन्य गम्भीर बीमारी के मरीज रहे और यह भूल जाता है कि ऐसी स्थिति तो पूरे राजस्थान की है, लेकिन बीकानेर का अनुपात ज्यादा क्यों है, तथ्यों से आंखें मूंदने से समस्या का हल नही होगा।
बेतहाशा बढ़ी मरीजों की संख्या का एक महत्वपूर्ण कारण गत दिनों हुई विवाह शादियों में संख्या को नियत्रित रखने का प्रयत्न प्रशासन की ओर से नहीं किया गया। अलबता कुछ  समारोह के आयोजनों ने अपने पर राजनैतिक वरद्हस्त समझ कर गृह प्रवेश, बारात आदि धूमधाम से बड़े स्तर पर आयोजित किया। आचार्य ने गहलोत को निवेदन किया है कि इस सम्बंध में सरकार कठोरता बरते। इसकी जांच भी कराएं ताकि पुनरावृति न हो।

बढ़ते कोरोना मरीजों के आगे झुकी सरकार

आचार्य ने पत्र मे स्पष्ट किया है कि बढ़ते हुए मरीजों की चुनौती के सामने राज्य सरकार झुक गई है जो दुर्भाग्य पूर्ण है। आचार्य ने लिखा है कि राज्य सरकार ने हाल ही में निर्देश जारी किये है कि गम्भीर बीमारी के मरीजों को ही अस्पताल में इलाज हेतु लाया जाय शेष कोरोना पाॅजीटिव घर पर ही रहे। यह कोरोना की चुनौती के सामने घुटने टेकना है चूंकि सरकार बसूबी जानती है कि कोरोना पाॅजीटिव को यदि अपने घर पर ही रखा गया तो उसकी चिकित्सकीय देखरेख करने वाला कोई न होने से उसके बचने की संभावना कम है। साथ ही वह परिवार व मोहल्ला निवासियों को भी संक्रमित कर देगा इसकी प्रबल संभावना है। आचार्य ने इस निर्देश को निरस्त करने का आग्रह किया।
बीकानेर मे जनाना अस्पताल को कोविड उपचार केन्द्र के रूप मे अब तब भी तैयार नही किया जा सका है । पीबीएम अधीक्षक इसके लिए पैसों की कमी बता रहे हैं। राज्य सरकार के मंत्री मण्डल में बीकानेर का प्रतिनिधि मंत्री होते हुए भी पैसों की कमी से कोविड चिकित्सा केन्द्र रूका पड़ा है। इसे आचार्य ने बीकानेर की जनता का दुर्भाग्य माना है।
बढ़ती हुई मरीजों की संख्या और असामान्य मृत्यु को देखते हुए आचार्य ने पत्र में मांग की है कि अविलम्ब लाॅक डाउन या उसके समकक्ष कोई कठोर व्यवस्था की जाये ताकि कोरोना की चेन टूट जाय और बढ़ती मृत्यु दर को देखते हुए व्यापक स्तर पर प्लाज्मा थैरेपी का प्रयोग किया जाए।

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