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450 टैंट कारोबारियों के पास नहीं है कोई काम

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– 2000 परिवारों पर गहराया संकट
बीकानेर। न शहनाई की धुन, न भजन कीर्तिन और न ही नेताओं की सभाएं। सब कुछ खामौश है इस शहर में। इस सन्नाटे से सबसे ज्यादा कोई परेशान है तो वह है बीकानेर के टैंट कारोबारी। पार्टियां व वैवाहिक आयोजनों का शोरगुल पूरी तरह से थम गया है। मगर यही शोरगुल कुछ छोटे-बड़े कारोबार की धड़कन हुआ करता था। आज सब कुछ वीरान है। सिटी में 450 के करीब टैंट कारोबारियों के पास आज कोई काम नहीं है। जो काम बचा है तो वह है प्रशासन एवं सरकार के नुमाइंदों के यहां ज्ञापन देकर गुहार लगाना। फिलहाल इन्हें वहां से भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही हैं। कोरोना वायरस की मार से टैंट कारोबार बड़े भारी आर्थिक संकट में फंस गया है। इन कारोबारियों के अनुसार कोरोना के इस संकट काल में लगभग पांच करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। यहीं नहीं इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े 1500 से 2000 लोगों के परिवार पर भी आर्थिक संकट गहरा गया है। जिसके कारण टैंट व्यवसायियों का जीविकोपार्जन मुश्किल हो गया है। सरकार को इस संकट के समय में इस व्यवसाय और इससे जुड़े लोगों का तारणहार बनकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने की दरकार है। इस कारोबार में सबसे बड़ी बाधा वैवाहिक समारोह में 50 आदमियों की लिमिटेशन तय होना है। जब तक इस लिमिट में संशोधन नहीं होता टैंट कारोबार के जीवित रहने की भी नहीं सोच सकते। टैंट कारोबारियों का कहना है कि हम संकट में है और अफसोस इस बात का भी है कि किसी भी जन प्रतिनिधि ने हम से हमारी पीड़ा जानने में रूचि नहीं दिखाई। जबकि इन सबके जो भी आयोजन होते हैं तो हम टैंट कारोबारी ही काम आते हैं। लॉकडाउन के दौरान जवानों के लिए छाया, बैठने की कुर्सियां आदि की व्यवस्था में टैंट कारोबारी की ही भूमिका रही है, लेकिन आज उनकी कोई सुध तक नहीं लेने आ रहा है। इन कारोबारियों का कहना है कि टैंट, कैटरिंग व वैडिंग इंडस्ट्री से जुड़े तमाम कारोबारी नुकसान में है। इसलिए गोदाम किराया, दुकान किराया व जितने भी तरीके टैक्स लगते हैं सरकार को उन्हें कम से कम अक्टूबर माह तक तो माफ ही कर देने चाहिए। तभी टैंट कारोबार को कुछ आंशिक राहत मिल सकेगी। लैबर की कमी को लेकर इन कारोबारियों ने बताया कि अभी हमारे पास काम ही नहीं है तो लैबर की कमी कैसे बताएं जब काम होगा तब लैबर की कमी के बारे में पता चलेगा। टैंट कारोबार कब गति पकड़ेगा इस सवाल को लेकर इन कारोबारियों को कहीं से भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
सरकार दें राहत
बुलाकी चौधरी, लोकेश चतुर्वेदी, राजेन्द्र काला, राधेश्याम गहलोत, भीमसेन शर्मा, मदन गोपाल पुरोहित, मनीष दम्माणी,मनोज तिवाड़ी, राजेन्द्र सांखला, किसनलाल प्रजापत, विजेन्द्र भाटी, प्रेमरतन गहलोत, तोताराम सहित ये वो तमाम टैंट कारोबारी हैं जिनके टैंट सिटी के वैवाहिक एवं अन्य आयोजनों को ग्लैमरस लुक देते रहे हैं। आज इनका खुद का ग्लैमर फीका पड़ा है। इन कारोबारियों ने सरकार से टैंट कारोबारियों के संघ के सुझावों के आधार पर राहत देने की बात कही है।
टैंट कारोबारी ये मांग रहे हैं सुविधाएं
नगर निगम बीकानेर की ओर से लिये जाने वाले टैक्सों में मिले राहत
मार्च से अक्टूबर तक का बिजली- पानी का बिल हो माफ।
सभी सरकारी, प्राइवेट स्थानों, विवाह स्थलों, मैरिज गार्डन, गोदामों, दुकानों के किराया अक्टूबर तक हो माफ हो।
टेंट व्यवसाय से जुड़े श्रमिकों के लिये सरकारी की ओर से मिले आर्थिक सहायता।
पांच लाख तक के लोन आसान ब्याज दरों पर।
पूर्व में चल रहे लोन की किश्तों को दस महीने तक बिना ब्याज के बढ़ाने
बिजली के स्थाई शुल्क को अक्टूबर तक हो माफ।
सरकारी कार्यक्रमों में लगे टैंट का शीघ्र हो बकाया भुगतान।
इनका कहना है-
जीएसटी व अन्य प्रकार के टेक्स देने के बाद भी टैंट व्यवसाय को उद्योग का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से उद्योगों को मिलने वाले लाभ-परिलाभ व अन्य छूटों का टैंट व्यवसायियों को कोई फायदा नहीं मिल पाता। जबकि इस व्यवसाय से जुड़े लोग सरकार के आयोजनों का हिस्सा होते है।
– पूनमचंद कच्छावा, अध्यक्ष, बीकानेर जिला टैंट व्यवसायी संघ  
दुर्भाग्य की बात है कि केन्द्र व राज्य सरकारों ने टैंट व्यवसायियों और उनसे जुड़े उद्योगों को किसी भी श्रेणी में शामिल नहीं किया। जिसके कारण आज यह व्यवसाय खत्म होने की कगार पर आ गया है।  
– मदन गोपाल पुरोहित, प्रमुख, बीकानेर टैंट हाउस, मोहता चौक
हमारे देश में सामूहिक परिवार ज्यादा है। एक विवाह में परिवार परिवार के 150 लोग हो जाते हैं तो 50 लोगों की पाबंदी में किसे बुलाए और किसे नहीं। इन्हीं कारणों के चलते बीकानेर में मार्च से जून तक लगभग 6 हजार विवाह कैंसिल हो गए। सरकार अन्य शर्तों के साथ 300 से 400 लोगों की अनुमति दें ताकि टैंट और इससे जुड़े लोगों की रोजी रोटी की व्यवस्था हो सके।
– मनोज तिवाड़ी, मुख्य सलाहकार, बीकानेर जिला टैन्ट व्यवसायी संघ
टैंट व्यवसाय से जुड़े लगभग सभी कारोबारियों ने गोदाम किराए पर ले रखे हैं। अब गोदाम वाले किराया मांग रहे हैं। मैरिज गार्डन लीज पर ले रखे हैं। लीज मनी के लिए दबाव डाला जा रहा है। सरकार लॉन की किश्त 8-10 माह आगे बढ़ाएं और उसका ब्याज न लें।
– लोकेश चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष, राजस्थान टैंट एसोसिएशन

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