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एमोरी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सीखी बीकानेर की “सुनहरी कलम” कला

कलाकार भादाणी से लिया प्रशिक्षण

बीकानेर, 6 जून। संयुक्त राज्य अमेरिका की एमोरी यूनिवर्सिटी (अटलांटा, जॉर्जिया) के छात्रों का एक शैक्षणिक दल बीकानेर पहुंचा, जहाँ उन्होंने पारंपरिक सुनहरी कलम कला की बारीकियों को जाना।

इस दल ने बीकानेर गोल्डन आर्ट अकेडमी के चित्रकार राम कुमार भादाणी से एक दिवसीय प्रशिक्षण लिया, जिसमें गुदराई (ऊपर उठाने की तकनीक), सोने के वर्क का उपयोग, श्याही से रेखांकन और रंगों की भराई जैसे महत्वपूर्ण कलात्मक तत्वों को समझा।

भादाणी ने छात्रों को एक संपूर्ण कलात्मक प्रक्रिया सिखाई और एक फोटोजेनिक फ्रेम के माध्यम से सुनहरी कलम के कार्य की गहराई से जानकारी दी।एमोरी यूनिवर्सिटी से आए एरिक विलालोबास मथेरण समाज और यति परंपरा पर पिछले चार वर्षों से शोधरत हैं। वे पूर्व में भी बीकानेर आकर राम कुमार भादाणी से मथेरण शैली में बादलों की चित्रकारी का प्रशिक्षण ले चुके हैं। उनके साथ आईं दिल्ली निवासी ज्योति अग्रवाल भी अमेरिका से आईं हैं, जो जैन तीर्थों पर मुगल काल से लेकर ब्रिटिश आगमन तक के प्रभाव पर शोध कर रही हैं।

दोनों शोधार्थियों को भाण्डाशाह जैन मंदिर, प्राचीन हवेलियों और अभय चंद जैन ग्रंथालय का भ्रमण कराया गया ताकि वे अपने अध्ययन में बीकानेर की सांस्कृतिक गहराई को समझ सकें।

चित्रकार राम कुमार भादाणी ने बताया कि वे सुनहरी कलम को भारतीय पारंपरिक कला के रूप में जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। इससे पहले वे अमेरिका, केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती शांतिनिकेतन, एनआईएफटी, एनआईडी, पीएम श्री नवोदय विद्यालय सहित देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में भी यह कला सिखा चुके हैं।

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