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जिला अस्पताल ने रचा सफलता का नया अध्याय, 990 ग्राम वजनी नवजात को मिला जीवनदान

बीकानेर। एस डी एम राजकीय जिला अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) ने नवजात शिशु चिकित्सा के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धि दर्ज की है। अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में 990 ग्राम (एक्सट्रीम लो बर्थ वेट) नवजात शिशु का सफल उपचार कराया गया, जिसे नवजात बेबी ऑफ विमला निवासी लाखूसर नाम से जाना जाता है।

29 मार्च 2025 को जन्मे इस नवजात शिशु का संक्रमण, फेफड़ों की स्थिति एवं श्वास प्रक्रिया में उत्पन्न जटिलताओं का सामना करते हुए, अस्पताल की विशेषज्ञ टीम द्वारा अत्यंत सावधानीपूर्वक देखभाल प्रदान की गई। शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि नवजात को गहन निगरानी में रखते हुए बबल सीपैप मशीन का उपयोग फेफड़ों की स्थिति में सुधार लाने हेतु किया गया। साथ ही, संक्रमण नियंत्रण और फोटोथेरेपी द्वारा पीलिया का भी सफल उपचार किया गया।

डॉ. मनीष पुष्करणा, शिशु एवं नवजात रोग विशेषज्ञ ने बताया कि लगभग 36 दिनों के सतत चिकित्सकीय, नर्सिंग एवं पोषण प्रबंधन, साथ ही ऑक्सीजन सपोर्ट, बबल सीपैप, संक्रमण नियंत्रण, कंगारू मदर केयर और मां के दूध की निर्बाध आपूर्ति के कारण शिशु का स्वास्थ्य सुधारते हुए सुरक्षित स्तर 1.6 किलोग्राम तक पहुंच गया है।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील हर्ष ने एसएनसीयू यूनिट की इस चुनौतीपूर्ण एवं उल्लेखनीय उपलब्धि पर पूरी टीम – डॉ. प्रवीण चतुर्वेदी, डॉ. मनीष पुष्करणा, डॉ. अमृता भार्गव, यूनिट नर्सिंग इंचार्ज अमित वशिष्ठ, सुशीला, गजेंद्र, कौशल समेत अन्य नर्सिंग स्टाफ – को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस सफलता से न केवल अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में विश्वास बढ़ता है, बल्कि यह पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित एसएनसीयू यूनिट ने अब तक चार सौ से अधिक नवजात शिशुओं का सफलतापूर्वक इलाज किया है। इन नवजातों में से कई ऐसे हैं जिन्हें पीलिया, सेप्टिसीमिया, एपिलेप्सी, कमेडा, प्रीमेच्योर और लो वेट अथवा वेरी लो बर्थ वेट के कारण जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ा था। साथ ही, नव संचालित एसएनसीयू में अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे वेंटीलेटर, बबल सी-पेप, रेडियेट वार्मर और फोटोथेरेपी मशीन के साथ-साथ एमएनसीयू (मातृ एवं नवजात केयर यूनिट) में माताओं के लिए भी रहने एवं खाने की निशुल्क सुविधा प्रदान की जा रही है।

इस पूरी प्रक्रिया में नवजात का संपूर्ण उपचार एवं देखभाल मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना के अंतर्गत निशुल्क प्रदान किया गया, जिससे न केवल तकनीकी विशेषज्ञता का परिचय मिलता है, बल्कि चिकित्सा सेवाओं को आम जनता तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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