Bikaner

स्टेशनों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था और एक्सेस कंट्रोल से यात्रियों की आवाजाही होगी सुचारू



(Comprehensive Security Measures and Access Control at Stations to Ensure Smooth Passenger Movement)

बीकानेर। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि त्योहारी सीजन और महाकुंभ 2025 जैसे बड़े आयोजनों के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने विस्तृत योजनाएँ लागू की हैं।

प्रयागराज महाकुंभ के लिए 7 नए प्लेटफार्मों का निर्माण किया गया, जिससे कुल प्लेटफार्मों की संख्या 48 हो गई। यात्रियों की सुविधा के लिए 17 नए यात्री आश्रयों, 21 नए सड़क पुलों और चौड़े पहुंच मार्गों का निर्माण किया गया। यात्री आश्रयों की क्षमता 21,000 से बढ़ाकर 1,10,000 कर दी गई है।

रेल मंत्री ने बताया कि कुंभ जैसे आयोजनों के दौरान रेलवे ने समन्वित गाड़ी परिचालन योजना लागू की। प्रत्येक स्टेशन पर स्वयं का नियंत्रण कक्ष था, जबकि प्रयागराज जंक्शन पर केंद्रीय मास्टर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया।



यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष उपाय

1200 सीसीटीवी कैमरे, जिनमें 116 फेस रिकग्निशन सिस्टम कैमरे और ड्रोन कैमरे शामिल हैं, तैनात किए गए।

15,000 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया।

स्टेशनों पर एकतरफा आवागमन की व्यवस्था की गई ताकि यात्रियों की आवाजाही सुचारू रहे।

नई दिल्ली, वाराणसी, अयोध्या, पं. दीनदयाल उपाध्याय, दानापुर और अन्य संवेदनशील स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई गई।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त अवसंरचना उपलब्ध है, जिसमें 16 प्लेटफार्म, 3 पैदल पार पुल, पहाड़गंज और अजमेरी गेट से दोतरफा प्रवेश और खुले स्थान शामिल हैं।




एक्सेस कंट्रोल प्रणाली लागू होगी

रेलवे भीड़ नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए 60 स्टेशनों पर एक्सेस कंट्रोल सिस्टम लागू कर रहा है। इसके तहत:

1. केवल कन्फर्म टिकट धारकों को प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति होगी।


2. बिना टिकट या प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को बाहरी प्रतीक्षालय में इंतजार करना होगा।


3. सभी अनधिकृत प्रवेश मार्गों को सील किया जाएगा।





भीड़ नियंत्रण के लिए नई व्यवस्थाएँ

चौड़े पैदल पार पुलों का निर्माण किया जाएगा। 12 मीटर (40 फीट) और 6 मीटर (20 फीट) चौड़े नए डिज़ाइन के पुल विकसित किए गए हैं।

भीड़ नियंत्रण के लिए नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और गाजियाबाद में प्रायोगिक परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।

यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर तभी प्रवेश मिलेगा जब उनकी गाड़ी प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाएगी, जिससे अनावश्यक भीड़ कम होगी।




तकनीकी और संचार सुविधाओं में सुधार

1. वार रूम: बड़े स्टेशनों पर “वार रूम” विकसित किए जाएंगे, जहाँ सभी विभागों के अधिकारी भीड़ नियंत्रण के लिए काम करेंगे।


2. नए संचार उपकरण:

वॉकी-टॉकी, डिजिटल कॉलिंग सिस्टम, और स्मार्ट अनाउंसमेंट सिस्टम लगाए जाएंगे।



3. नए डिज़ाइन का आईडी कार्ड:

सभी कर्मचारियों और सेवा व्यक्तियों को नए डिज़ाइन का पहचान पत्र मिलेगा ताकि केवल अधिकृत व्यक्ति ही स्टेशन में प्रवेश कर सकें।



4. कर्मचारियों के लिए नई वर्दी:

सभी स्टेशन कर्मचारियों को नई वर्दी प्रदान की जाएगी, जिससे वे आसानी से पहचाने जा सकें।




स्टेशन निदेशक को अधिक शक्तियाँ दी जाएंगी

1. प्रत्येक बड़े स्टेशन पर एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन निदेशक नियुक्त किया जाएगा।


2. स्टेशन निदेशक को वित्तीय अधिकार दिए जाएंगे, जिससे वे त्वरित निर्णय लेकर स्टेशन सुधार कर सकें।


3. स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध ट्रेनों के आधार पर टिकट बिक्री को नियंत्रित किया जाएगा।



अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है। इसमें:

दोनों तरफ बड़े नए स्टेशन भवन बनाए जा रहे हैं।

यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त एयर कॉन्कोर्स विकसित किया जाएगा।

मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जाएगा, जिससे परिवहन के विभिन्न साधनों को जोड़ा जा सके।

सतही और एलिवेटेड सड़कों का नेटवर्क विकसित किया जाएगा, जिससे स्टेशन के आसपास की भीड़ कम होगी।

सीसीटीवी कैमरे, आवागमन नियंत्रण और प्रतीक्षा स्थानों की बेहतर व्यवस्था की जाएगी।


स्टेशनों के विकास और अनुरक्षण के लिए वित्तीय प्रावधान

स्टेशनों के विकास और अनुरक्षण के लिए धन क्षेत्रीय रेल-वार आवंटित किया जाता है।

यात्री सुविधाओं का वित्तपोषण योजना शीर्ष-53 “ग्राहक सुविधाएँ” के अंतर्गत किया जाता है।

2024-25 के लिए योजना शीर्ष-53 के तहत 12,994 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

उत्तर रेलवे को स्टेशनों के विकास के लिए 1531.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।


स्थायी होल्डिंग क्षेत्रों का निर्माण

60 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग क्षेत्र बनाए जाएंगे।

नई दिल्ली, पटना और सूरत उधना में इन प्रतीक्षालयों को पहले ही सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज क्षेत्र के 9 स्टेशनों पर भी यह व्यवस्था लागू की गई थी।


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर चौबीसों घंटे निगरानी

सीसीटीवी कैमरों से 24×7 निगरानी की जा रही है।

किसी भी घटना की जाँच के लिए उच्च स्तरीय जाँच समिति गठित की गई है।


निष्कर्ष

रेलवे यात्रियों की बढ़ती संख्या और सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए व्यापक सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन योजनाएँ लागू कर रहा है। एक्सेस कंट्रोल, नई संरचनाएँ, डिजिटल निगरानी और अत्याधुनिक संचार प्रणाली से यात्रियों को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा।

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