डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने संभाला राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र का निदेशक पद
पूनिया बोले– ऊँट पालकों के कल्याणार्थ होगा ज़मीनी स्तर पर कार्य
बीकानेर। भाकृअनुप–राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर के नए निदेशक के रूप में डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने आज कार्यभार संभाल लिया। इससे पूर्व वे भाकृअनुप–राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में प्रधान वैज्ञानिक (डेरी सूक्ष्म जीव विज्ञान प्रभाग) के पद पर कार्यरत थे।इस अवसर पर आयोजित अभिनंदन समारोह में डॉ. पूनिया ने केन्द्र परिवार को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसंधान संस्थानों का मुख्य उद्देश्य किसानों के हित में काम करना है। उन्होंने कहा कि एनआरसीसी उष्ट्र प्रजाति के संरक्षण और विकास के लिए अनुसंधान को और मजबूती से आगे बढ़ाएगा और ऊँट पालकों के कल्याण के लिए ज़मीनी स्तर पर प्रभावी कार्य करेगा, जिससे उष्ट्र पालन व्यवसाय को बदलते परिवेश में लाभदायक बनाया जा सके।डॉ. पूनिया ने संस्थान के पूर्व निदेशकों के योगदान की सराहना करते हुए सहज और प्रेरणादायक शैली में अनुसंधान कार्यों को टीम वर्क के रूप में करने, विनम्र व्यवहार अपनाने, तकनीकी नवाचारों को अपनाने और विशेष रूप से महिलाओं को अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित करने की बात कही।पूर्व निदेशक डॉ. समर कुमार घोरुई ने उन्हें निदेशक पद का कार्यभार सौंपते हुए शुभकामनाएँ दीं और केन्द्र की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विश्वास जताया कि डॉ. पूनिया के नेतृत्व में केन्द्र नई ऊँचाइयों को छुएगा।
