राष्ट्रीय अग्निकर्म-विद्धकर्म कार्यशाला बीकानेर में
सैकड़ों आयुर्वेद चिकित्सक प्राचीन चिकित्सा विधाओं का लेंगे प्रशिक्षण

National Agnikarma-Viddhakarma Workshop in Bikaner
Hundreds of Ayurveda Doctors to Receive Training in Ancient Healing Techniques
बीकानेर। बीकानेर में वेटेरिनरी विश्वविद्यालय और विश्व आयुर्वेद परिषद राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 28 और 29 मार्च को राष्ट्रीय अग्निकर्म-विद्धकर्म कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक कार्यशाला में देशभर से सैकड़ों आयुर्वेद चिकित्सक भाग लेंगे और अग्निकर्म तथा विद्धकर्म चिकित्सा की प्राचीन विधाओं का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
इस क्लिनिकल वर्कशॉप में विभिन्न जटिल बीमारियों से पीड़ित रोगियों का लाइव उपचार किया जाएगा। जलगांव (महाराष्ट्र) के प्रसिद्ध वैद्य उदय तल्हार अग्निकर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण देंगे, जबकि पुणे के विशेषज्ञ डॉ. अमोल उत्तम बानसोडे विद्धकर्म तकनीक की ट्रेनिंग देंगे।
इसके अलावा, वेटेरिनरी रिसर्च निदेशक डॉ. बी. एन. श्रृंगी पशु चिकित्सा में आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डालेंगे। कार्यशाला में वेटेरिनरी और आयुर्वेद के विशेषज्ञ मिलकर “वेटेरिनरी-आयुर्वेदा” के क्षेत्र में अनुसंधान की ऐतिहासिक पहल करेंगे।
विश्व आयुर्वेद परिषद राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में देशभर के सैकड़ों आयुर्वेद चिकित्सक भाग लेंगे। आयोजन सचिव डॉ. रिड़मलसिंह राठौड़ ने बताया कि अग्निकर्म और विद्धकर्म चिकित्सा के माध्यम से माइग्रेन, साइटिका, सर्वाइकल, स्लिप डिस्क, आर्थराइटिस, फ्रोजन शोल्डर, रिट्रो केल्केनियल बर्साइटिस, कॉर्न, वार्ट्स, साइनुसाइटिस, अस्थमा, इनफर्टिलिटी, पीसीओडी, एलोपेसिया, सेरेब्रल पाल्सी, आईबीएस, अल्सर, रीनल केल्कुलस और दर्द प्रबंधन (पैन मैनेजमेंट) पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश सचिव डॉ. बी. एल. बराला ने दी।