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बीकानेर में रेलवे का स्वर्णिम युग: 2025-26 बजट में बड़ा निवेश,



वंदे भारत से अमृत भारत तक नई सौगातें

बीकानेर। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, बीकानेर में सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बजट 2025-26 की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे अगले 2-3 वर्षों में 200 नई वंदे भारत ट्रेनें, 100 अमृत भारत ट्रेनें और 50 नमो रैपिड रेल शुरू करेगा। रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ यात्रियों की सुविधा और संरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

रेल मंत्री ने बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत राजस्थान और हरियाणा में कई रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। उन्होंने संरक्षा को रेलवे का अहम विषय बताते हुए कहा कि इस बजट में ₹1,16,000 करोड़ का आवंटन किया गया है। रेलवे ट्रैक उन्नयन और ‘कवच’ प्रणाली को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है।

राजस्थान के लिए ऐतिहासिक बजट वृद्धि

रेल मंत्री के अनुसार, 2009-14 के दौरान राजस्थान को औसतन ₹682 करोड़ का वार्षिक बजट मिलता था, जबकि 2025-26 के बजट में यह बढ़कर ₹9960 करोड़ हो गया है, जो लगभग 15 गुना अधिक है। राजस्थान में रेलवे के तेजी से हो रहे विकास कार्यों पर उन्होंने प्रकाश डालते हुए बताया कि—

85 रेलवे स्टेशन ‘अमृत स्टेशन’ के रूप में विकसित किए जा रहे हैं।

1510 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए हैं।

3784 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाया गया है, जो डेनमार्क के कुल रेल नेटवर्क से अधिक है।

5143 किलोमीटर रेलवे विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे राजस्थान में लगभग 100% विद्युतीकरण हो गया है।


बीकानेर मंडल में रेलवे का कायाकल्प

मंडल रेल प्रबंधक डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि बीकानेर मंडल में 100% रेल विद्युतीकरण हो चुका है, जिससे 100 यात्री ट्रेनें और 75 मालगाड़ियां अब विद्युत इंजन से संचालित हो रही हैं। उन्होंने रेल दोहरीकरण और पुनर्विकास कार्यों के बारे में भी बताया—

चूरू-रतनगढ़ खंड में 82 किमी के दोहरीकरण कार्य में से 18.71 किमी का कार्य पूरा हो चुका है, शेष मार्च 2025 तक पूरा होगा।

चूरू-सादुलपुर खंड में 57.82 किमी दोहरीकरण कार्य 2026-27 तक पूरा होगा।

लालगढ़-बठिंडा खंड में 323 किमी दोहरीकरण किया जाएगा।

बीकानेर रेलवे स्टेशन का ₹382 करोड़ की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा।

22 रेलवे स्टेशनों का अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकास किया जाएगा, जिनमें से 15 स्टेशनों पर कार्य प्रगति पर है।


कवच’ प्रणाली से रेलवे संरक्षा में बड़ा बदलाव

रेल मंत्री ने बताया कि जुलाई 2024 में ‘कवच’ प्रणाली का परीक्षण सफल रहा, जिसके बाद इसे 10,000 लोकोमोटिव पर स्थापित किया गया है। इसके तहत—

15,000 किलोमीटर रेलमार्ग पर इंस्टॉलेशन और डिज़ाइनिंग का कार्य किया गया।

ऑप्टिकल फाइबर केबल, आरएफआईडी डिवाइस, डेटा सेंटर और सिग्नल टावर लगाए गए हैं।

अगले 6 वर्षों में यह प्रणाली सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर लागू कर दी जाएगी।


ये रहे मौजूद

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक डॉ. आशीष कुमार, अपर मंडल रेल प्रबंधक रूपेश कुमार, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक भूपेश यादव, वरिष्ठ मंडल यातायात प्रबंधक जयप्रकाश, वरिष्ठ मंडल कार्मिक प्रतुल सारोलिया, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वयक) अमित जैन सहित रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारी और मीडियाकर्मी उपस्थित रहे। रेलवे के इस ऐतिहासिक बजट और योजनाओं से बीकानेर मंडल एवं पूरे राजस्थान में रेल कनेक्टिविटी और यात्री सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार होने की उम्मीद है।

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