जीमण पर एक करोड़ तक खर्च कर देते हैं बीकानेरी
प्रीमियम मिठाइयां खिलाने का चलन बढ़ा
प्लस में जा रहा है कैटरिंग कारोबार
बीकानेर । बीकानेर में शादियों समारोह में अब लोग दिल ही नहीं तिजोरी खोलकर जीमण (डिनर) पर खर्च करने लगे हैं। कुछ जीमण तो ऐसे होते हैं जिनमें हाईटी और वैरायटी देखते ही रह जाते हैं। दस बीस साल पहले जीमणों में जहां 2 से 4 मिठाई नमकीन की वैरायटी होती थीं वहां यह आंकड़ा 100 से ऊपर निकल चुका है। इतना ही नहीं 1200 से 1500 रुपए किलो के भाव की मिठाइयां परोसने में भी हिचकते नहीं। इवेंट कारोबारियों का कहना है कि बीकानेर में शादियों में अब जीमण पर एक करोड़ रुपए तक खर्च करने लगे हैं। यहां के लोग खाने और खिलाने के बड़े शौकीन हैं। इसके चलते कैटरिंग का कारोबार फल फुल रहा है। प्रस्तुत है इन कैटरिंग कारोबारियों से हुई बातचीत के संपादित अंश-
इवेंट प्लानर एवं नंदन कैटरर्स के प्रमुख मनीष डागा कहते है कि शादियों में मिठाइयों की ज्यादा वैरायटी रखने का चलन बढ़ा है। मिडिल क्लास पहले जहां 3 से 4 वैरायटी रखता था वहां यह आंकड़ा 6 से 7 तक पहुंच गया है। स्टैंडर्ड की शादियों में 5 से 6 वैरायटी का आंकड़ा 12 से 15 तक पहुंच गया है। अब तो बेकरी का पूरा अलग से काउंटर लगता है। बीकानेर में शादियों में स्वीट्स आसानी से अरेंज हो जाती हैं, मगर बीकानेर से बाहर थोड़ी मुश्किल हो जाती हैं। साथ ही कॉस्टिंग भी बढ़ जाती है। मनीष कहते है कि पहले नमकीन में दही बड़ा, कचौड़ी समौसा में काम चल जाता था। अब ड्राइफ्रूट समौसा, चाइनीज़ समौसा, ब्रेड कटलेट परोंसा जा रहा है। आधा दर्जन के करीब हाईटी लगती है। अब तो कॉन्टिनेंटल फूड की तरफ डाइवर्ट हो गए हैं। शादियों में 200 से 5 हजार लोगों का खाना होता है। इनमें सबसे महंगी मिठाई मलाई पान जो औसतन 1500 रुपए प्रति किलो के भाव पड़ती है। एक वेडिंग में 12 से 15 किलो लग ही जाती है। बीकानेर में खाने का खर्चा 5 लाख तक बैठता है। वहीं जयपुर, गुजरात या चंडीगढ़ में यही खर्चा 10 से 12 लाख तक पहुंच जाता है। क्योंकि हमें कुछ मिठाइयां और नमकीन बीकानेर से वहां पहुंचानी होती है तो ट्रांसपोर्ट बहुत महंगा पड़ जाता है। एक और बदलाव को लेकर मनीष कहते हैं कि अब बैठाकर खाना खिलाने का चलन वापस आ रहा है और बड़ी वेडिंग्स में ऐसा कर रहे हैं। कोविड के बाद डेस्टिनेशन वेडिंग पर फोकस कर लिया है। कम लोग होते हैं तो मैनेज करना आसान हो गया है। क्योंकि बफे सिस्टम में वेस्टेज ज्यादा होने लगी हैं।
मोहिनी इवेंट्स कम्पनी के प्रमुख श्याम मोदी कहते है कि शादियों में ज्यादा से ज्यादा मिठाई नमकीन की वैरायटी रखने का ट्रेंड बढ़ रहा है। इससे कारोबार प्लस हो रहा है। मिठाइयां 100 से ऊपर और नमकीन 70 से 80 तक होने लगी है। यानि अब इनकी कोई लिमिट नहीं रही। कस्टमर अब महंगी सस्ती नहीं देखता उसे स्वाद और क्वालिटी बेस्ट से बेस्ट चाहिए। महंगी मिठाई में ड्राइफ्रूट हलवा ऑर्डर किया जाता है जो 1200 से 1300 रुपए किलो होता है। यह 20 से 30 किलो बनता है। कम का ऑर्डर होने पर रेडीमेड मंगवाते हैं। मोदी कहते है कि बीकानेर में एक शादी में 300 आदमियों के खाने पर एक लाख का खर्च बैठता है। वहीं ऊपर में खाने पर एक करोड़ तक खर्च कर देते हैं। बड़े बजट में 1000 से लेकर 10 हजार लोगों का खाना बनता है। इतना ज्यादा खर्चा होने को लेकर मोदी कहते है कि हमें मद्रासी डोसे की हाईटी लगानी है तो मद्रास (चैन्नई) का स्टाफ बुलाना पड़ता है। चाइनीज़ फूड के लिए चाइना के लड़के बुलाने पड़ते हैं। तो इनके रहने, खाने-पीने और किराए वगैरह के चलते बजट बढ़ जाता है।