बढ़ते वैश्विक तापमान को नियंत्रित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी : प्रो. चेतन सोलंकी
सीरी में जिज्ञासा मिशन के अंतर्गत जलवायु घड़ी असेम्बली एवं डिस्प्ले ईवेन्ट का आयोजन
जवाहर नवोदय विद्यालयों के 2500 विद्यार्थियों व शिक्षकों ने ‘सोलर मैन आफ इंडिया’ को सुना
पिलानी। सीएसआईआर-सीरी में जिज्ञासा मिशन के अंतर्गत ‘ओरिएंटेशन ऑफ क्लाइमेट क्लॉक : असेम्बली एंड डिस्प्ले ईवेन्ट’ का आयोजन किया गया। हाइब्रिड मोड में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में नवोदय विद्यालय समिति, जयपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले 57 जवाहर नवोदय विद्यालयों के 2500 से अधिक विद्यार्थियों एवं अध्यापकों ने प्रतिभागिता की। जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में ‘सोलर मैन आफ इंडिया’ के नाम से प्रसिद्ध प्रोफेसर चेतन सोलंकी मुख्य अतिथि थे। डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने ऑनलाइन माध्यम से अपने संबोधन में बढ़ते वैश्विक तापमान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम लोग ही इस तापमान वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं, अत: इसे नियंत्रित करना भी हमारी ही व्यक्तिगत एवं सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके नियंत्रण के लिए हम सभी को अपना यथासंभव योगदान देना ही होगा। उन्होंने इस अवसर पर एनर्जी स्वराज फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी। उन्होंने फाउंडेशन द्वारा विकसित सोलर वैन के बारे में भी छात्र-छात्राओं को बताया। सभी विद्यार्थी ‘सोलर मैन आफ इंडिया’ के विचारों से अत्यंत प्रभावित हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीएसआईआर के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने प्रोफेसर सोलंकी सहित सभी विद्यार्थियों एवं उनके शिक्षकों का औपचारिक स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने वेदवाक्य वसुधैव कुटंबकम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह धरती हमारी माँ है और इसकी व इसके प्रत्येक जीव-जंतु की देखभाल करना हमारा ही दायित्व है। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से तथा ऑनलाइन जुड़े विद्यार्थियों को बताया कि संस्थान ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ पर शोधरत है और हम इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक विधियों से ऊर्जा उत्पादन की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे भवन के विकास की दिशा में भी प्रयासरत हैं जो अपनी सभी ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति सौर ऊर्जा से करेगा।
एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के सचिन ने भी इस अवसर पर अपने रोचक व्याख्यान में छात्र-छात्राओं को जलवायु परिवर्तनों के प्रति आगाह किया और कहा कि हमें मिल कर अपरिवर्तनशील स्थिति में पहुंचने से पूर्व इसे रोकने के प्रयास करने होंगे।
प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को संस्थान के वैज्ञानिकों एवं अन्य सहकर्मियों ने जलवायु घड़ी की असेम्बली का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया। उन्हें संस्थान की प्रयोगशालाओं एवं विज्ञान संग्रहालय में शोध गतिविधियों की जानकारी भी दी गई।
कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन प्रमोद तँवर, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, पीएमई ने किया।