डॉ चंद्रशेखर वेदा लाइफटाइम अचीवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित
सीरी में वन वीक वन लैब कार्यक्रम में माइक्रोवेव टेक्नोलॉजीज़ पर कार्यशाला का आयोजन

पिलानी, 16 मई,। पिलानी स्थित सीएसआईआर-सीरी में चल रहे एक सप्ताह – एक प्रयोगशाला (वन वीक – वन लैब) कार्यक्रम के दौरान सीरी के पूर्व निदेशक डॉ चंद्रशेखर को वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेज़ एंड एप्लिकेशन्स (वेदा) सोसाइटी के प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। संस्थान में आयोजित किए जा रहे वन वीक वन लैब कार्यक्रमों के अंतर्गत आज सूक्ष्मतरंग प्रौद्योगिकियों पर वैज्ञानिक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेशनल एटमॉस्फियरिक रिसर्च लैब, आंध्रप्रदेश के निदेशक डॉ ए के पात्रा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में एमटीआरडीसी के डॉ एस के दत्ता, वैज्ञानिक – एच उपस्थित थे। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों के की-नोट व्याख्यानों के अलावा माइक्रोवेव ट्यूब्स प्रौद्योगिकी पर आमंत्रित व्याख्यान आयोजित किए गए। कार्यशाला में संस्थान के वैज्ञानिकों, परियोजना कार्मिकों एवं शोधार्थियों ने प्रतिभागिता की।
कार्यक्रम के संयोजक प्रमोद तँवर ने बताया कि कार्यशाला का शुभारंभ डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी के स्वागत संबोधन के साथ हुआ। अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने संस्थान के वन वीक वन लैब कार्यक्रम में प्रतिभागिता के लिए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने माइक्रोवेव ट्यूब्स क्षेत्र में संस्थान की शोध गतिविधियों की संक्षेप में चर्चा की। इसके बाद कार्यशाला के संयोजक डॉ एस के घोष, मुख्य वैज्ञानिक ने अपने व्याख्यान में संस्थान के माइक्रोवेव ट्यूब्स एरिया की शोध गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता मुख्य अतिथि एवं नेशनल एटमॉस्फियरिक रिसर्च लैब, आंध्रप्रदेश के निदेशक डॉ ए के पात्रा ने की। उन्होंने रेडियो एंड माइक्रोवेव इंस्ट्रुमेन्टेशन इन एटमॉस्फियरिक रिसर्च – करेंट ट्रेंड विषय पर अपना की-नोट व्याख्यान दिया। इसके बाद स्पेस एप्लिकेशन सेन्टर (इसरो) के डॉ अनुराग वर्मा ने इंडियाज़ ह्यूमन स्पेस फ्लाइट : गगनयान तथा इंडियन प्लाज़्मा रिसर्च (आईपीआर) में एल एच सी डी डिविज़न के प्रमुख डॉ प्रमोद के. शर्मा ने हाईपावर आरएफ एंड माइ्रक्रोवेव टेक्नोलॉजीजज़ फॉर हीटिंग एंड करंट ड्राइव इन प्लाज़्माज़ एट आईपीआर विषय पर आमंत्रित व्याख्यान दिए।
दूसरे सत्र की अध्यक्षता कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि डॉ एस के दत्ता ने की। डॉ दत्ता ने टु-बी ऑर नॉट टु-बी – दैट इज़ द क्वेश्चन विषय पर अपना की-नोट व्याख्यान दिया। इसके बाद भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की डॉ कुमुद सिंह ने चैलेन्जेज़ एंड न्यू डिज़ाइन्स फॉर फोकसिंग एलिमेन्ट्स इन वैक्यूम इलेक्ट्रॉन डिवाइसेज़ तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक एस सेन्थिल कुमार ने माइक्रोवेव ट्यूब्स : मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेज़ चैलेन्जेज़ एंड फ्यूचर विषय पर आमंत्रित व्याख्यान दिए। अंत में डॉ ए के बंद्योपाध्याय, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला के उपरांत अतिथियों ने संस्थान की माइक्रोवेव प्रयोगशालाओं एवं शोध कार्यों का अवलोकन किया। कार्यशाला का संचालन डॉ राजेन्द्र कुमार वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया।