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बीकानेर के कारोबारियों की नजर में बजट

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बीकानेर । अमृतकाल का पहला आम बजट एक लोक कल्याणकारी बजट है। यह गाँव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और आर्थिक रूप से पिछड़ों तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी को आय के नये अवसर पैदा करेगा। महिलाओं के लिए एक विशेष बचत योजना भी इस बजट में शुरू की जा रही है। यह बजट सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बनाएगा। नये प्राइमरी कॉपरेटिव्स बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का भी ऐलान इस बजट में किया गया है। कुल मिलाकर सर्वजन हित को साधते हुए बजट प्रस्तुत किया गया है।
महावीर रांका, प्रदेश सहसंयोजक, भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ, एवं पूर्व यूआईटी चैयरमेन

मध्यम वर्ग का गोल्डन बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट में खुलकर योजनाओं पर फोकस किया है। सेना, रेल, कृषि एवं आधारभूत ढांचे पर पूरा फोकस राज्यों को भी पूंजी गत खर्च बढ़ाने की सलाह, आयकर में नए रिजीम पर छूट, टैक्स स्लैब में बदलाव, सब कुछ मध्यम वर्ग की झोली में।
– सुधीश शर्मा , सीए

बजट 2023 एमएसएमइ को बढ़ावा देने के लिये 9000 करोड़ का प्रावधान, आयकर में 7 लाख तक छूट देना, ई व्हीकल्स सस्ते करना स्वागत योग्य है। वहीं जीएसटी स्लैब में कटौती नहीं करना निराशाजनक है।
– द्वारकाप्रसाद पचीसिया, अध्यक्ष, बीकानेर जिला उद्योग संघ

आयकर टेक्स स्लैब में बदलाव नहीं करना, ब्याज मुक्त लोन व्यापारियों को नही मिलना, माइक्रो केटेगरी के उद्यमियों को आयकर ऑडिट से पूर्ण छूट नहीं देना निराशजनक रहा ।
वीरेंद्र किराड़ू, सचिव, बीकानेर जिला उद्योग संघ

पहली नज़र में, यह काफी व्यावहारिक बजट है जिसमें कई उपयुक्त उपाय किए गए हैं और लोकलुभावन उपायों की भरमार भी है, जो हम चुनावों की तरफ बढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों में फील-गुड फैक्टर का आह्वान करने की कोशिश की। गरीब, मध्यम वर्ग और एचएनआई के पास बजट से कुछ सकारात्मक पहलू हैं।क्या कम कर व्यय खपत को बढ़ावा देगा या बचत को प्रेरित करेगा, यह एक विवादास्पद बिंदु है। लेकिन किसी भी तरह से, यह अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक होगा। कैपेक्स पर निरंतर ध्यान केंद्रित करते हुए राजकोषीय विवेक का पालन करना हमारी उम्मीद थी और वितरित किया गया है। ग्रीन हाइड्रोजन का समर्थन करने की हमारी उम्मीद ने एक प्रभावशाली फोकस देखा है। हालांकि, हम कुछ महत्वपूर्ण चूक देखते हैं। एक , केंद्र सरकार के कैपेक्स में 25% की वृद्धि के बारे में बात करने के बावजूद, कुल सार्वजनिक कैपेक्स में केवल 4% की वृद्धि का बजट है। क्योंकि पीएसई का योगदान काफी कम हो गया है।
भाषण में ‘मुद्रास्फीति’ शब्द का एक भी उल्लेख ना होना कुछ चिंताजनक है। साथ ही, बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा के आवंटन के बारे में बात नहीं की गई है, जो कि है भविष्य के विकास की संभावना के लिए चिंता का विषय है क्योंकि भारत विश्व स्तर पर इन क्षेत्रों पर सबसे कम खर्च करने वालों में से एक है।
– पीयूष शंगारी
सीईओ एंड फाउंडर
वेल्थोनिक कैपिटल

आयकर सीमा को बढ़ाकर सात लाख करना अच्छा कदम है। पीएम गरीब कल्याण योजना को एक वर्ष और बढ़ाना भी सराहनीय है। जिनके अपने आवास नहीं है, उनके लिए आवास योजना की राशि 66% बढ़ाकर विस्तृत किया है। विद्यार्थियों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना का नवाचार सार्थक साबित होगा। कुल मिलाकर पूर्णत एक विज़न वाला बजट है।

– जुगल राठी, अध्यक्ष, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल

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