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वेस्ट खून, चमड़ी, बोन, विसरा का डिस्पोजल सही तरीके से नहीं करने के स्टूडेंट्स ने देखे दुष्प्रभाव

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– तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिम्पोजियम का समापन
– पांच युवा वैज्ञानिक पुरस्कार सहित सात बेस्ट पोस्टर अवार्ड युवा वैज्ञानिकों को नवाजा

बीकानेर। डूंगर महाविद्यालय बीकानेर, राॅयल सोसाइटी आफ कैमिस्ट्री लंदन एवं ग्रीन कैमिस्ट्री नेटवर्क सेंटर दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिम्पोजियम व वर्कशॉप के अन्तिम दिन चार सत्रों में कार्यक्रम हुए। प्रथम सत्र में एम्स जोधपुर के डाॅ. निदेश गहलोत, इग्लैण्ड के प्रो. डाॅ. कृष्णा शर्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय की डाॅ. श्रीपर्णा के नई दवाइयों के निर्माण की नवाचार युक्त तकनीक पर व्याख्यान हुए। इसके अतिरिक्त ई-पोस्टर साइंस वीडियों फिल्मों का प्रदर्शन सिम्पोजियम का मुख्य आकर्षण रहा। बीएसएफ एवं जनतंत्र, कैमल मिल्क व आटिज्म, ब्रेड-बटर, बायोमेडिकल वेस्ट जेसी साइंस फिल्मों ने खूब वाहवाह बटौरी। अस्पतालों से निकलने वाले वेस्ट पदार्थ जैसे-खून, चमड़ी, बोन, विसरा आदि का डिस्पोजल आदि सही तरीके से नहीं किया जाए तो किस प्रकार के दुष्प्रभाव होते है इसे फिल्म में प्रभावी रूप से दर्शाया गया। केमल मिल्क एवं आटिजम पर आधारित विज्ञान फिल्म को रिलीज भी किया गया। डाॅ. विनोद भारद्वाज, डाॅ. दिव्या जोशी एवं डाॅ. प्रताप सिंह जूरी की भूमिका निभाते हुए इस नवाचार को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित करना आवश्यक बताया। प्रारंभिक सत्र में युनिवर्सिटी आॅफ लीडस इग्लैण्ड के प्रो. डाॅ. कृष्णा शर्मा व एम्स जोधपुर के डाॅ. नितेश गहलोत को अभिनन्दन पत्र भैंट कर सम्मानित किया गया।

समापन सत्र में स्टेट फारेन्सिक लैब के निदेशक डाॅ. अजय शर्मा ने ग्रीन कैमिस्ट्री द्वारा उन्नत एवं दुष्प्रभाव रहित विधियों के बारे में चर्चा करते हुए फाटेन्सिक विज्ञान के प्रयोगों को दर्शाया एनआरसीसी के निदेशक डाॅ. आर्तबन्ध साहू ने केमल मिल्क के विभिन्न उपयोगों को पावर पाईन्ट के माध्यम से समझाया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य, डाॅ. जी.पी. सिंह ने देश के 17 प्रान्तों एवं विभिन्न देशों से पधारें हुए डेलीगेट्स एवं स्पीकर को आभार व्यक्त किया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. आर.के. शर्मा डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर को राजस्थान में शोध कार्य का पयार्य बताते हुए यहां एक बड़े इन्टर डिस्प्लनरी केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा जिसे जीसीएनसी की ओर से सहयोग दिया जायेगा।

समापन सत्र में पांच युवा वैज्ञानिक पुरस्कार आईआईटी मुंबई की अनु जैन, काजल चारण एवं माया कुमारी को दिया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रियंका को बेस्ट पोस्टर का प्रथम पुरस्कार एवं आईआईटी दिल्ली के बलविन्दर सिंह को बेस्ट पोस्टर का द्वितीय एवं कोकड़ाझार आसाम को बेस्ट पोस्टर का तृतीय पुरस्कार दिया गया। डूंगर महाविद्यालय की शुभलक्ष्मी एवं महारानी सुदर्शना काॅलेज की हनी शर्मा को सान्तवना पुरस्कार दिया गया । ई-पोस्टर श्रृंखला में हंगरी की श्रोषीना को प्रथम, कोटा की प्रीति बैरवा को द्वितीय एवं डूंगर महाविद्यालय की दिव्या कंवर शेखावत को तृतीय पुरस्कार एवं हनी शर्मा को सान्तवना पुरस्कार दिया गया। डूंगर काॅलेज की मेहवीश अंशुल एवं दिव्या शेखावत को बेस्ट वीडियों फिल्म अवार्ड से नवाजा गया। समापन सत्र में डाॅ. राजाराम ने स्वागत किया। संयोजक डाॅ. एच.एस. भंडारी, सह संयोजक डाॅ. एस.एन. जाटोलिया व डाॅ. एस.के. वर्मा, आयोजन सचिव डाॅ. उमा राठौड़, डाॅ. राजाराम कोषाध्यक्ष डा.सुरूचि गुप्ता, डा. संगीता शर्मा एवं डा. एस के यादव डाॅ. देवेश खडेलवाल, डाॅ. एम.डी. शर्मा व डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित सहित 250 प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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