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डॉक्टर को देखते ही सहम जाते हैं लोग : सिलेंडर ब्लास्ट में 3 और मौत

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दूल्हा खुद भर्ती; माता-पिता की अर्थी को कंधा नहीं दे सका

जोधपुर। शेरगढ़ हादसे में मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार को दो बच्चों समेत 3 लोगों की मौत हो गई।जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में सन्नाटा है। यहां शेरगढ़ के भूंगरा गांव में सिलेंडर ब्लास्ट के पीड़ित एडमिट है। अटेंडेंट के आंसू सूख चुके हैं। रोजाना भर्ती मरीजों की मौत हो रही है। बुधवार को डेढ़ साल के अर्जुन सिंह, 13 साल की बच्ची डिंपल और 26 साल के युवक दुर्ग सिंह ने दम तोड़ दिया। अर्जुन सिंह 70% तक झुलस चुका था। इस हादसे में अब तक 11 बच्चों समेत कुल 26 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस हादसे में दूल्हे सुरेंद्र सिंह ने माता-पिता, बहन, भतीजे-भतीजी, भांजी समेत 21 से ज्यादा परिजनों को खो दिया है। सुरेंद्र खुद इस हादसे का शिकार हो गया था। ऐसे में वह आखिरी बार अपनों को न देख सका और न अर्थियों को कंधा या मुखाग्नि दे सका।
8 दिसंबर की दोपहर हुए सिलेंडर ब्लास्ट हादसे में सुरेंद्र की बारात जाने की तैयारी की जा रही थी। इसी दौरान हादसा हो गया। आईसीयू में अभी भी कुछ लोग हैं, जिनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। अस्पताल में मौजूद सुरेंद्र के रिश्तेदार ने बताया कि सुरेंद्र का एक भाई सांगा सिंह गांव में अंतिम संस्कार करने के लिए रुका हुआ है।

मंगलवार को गांव पहुंचे दूल्हे के माता-पिता के शव

मंगलवार का दिन सुरेंद्र के भाई सांगा सिंह के लिए बहुत भारी रहा। मां धापू कंवर और पिता सगत सिंह के साथ बड़े भाई के बेटे आईदान के शव एक साथ लेकर एंबुलेंस गांव पहुंची। हर कोई विलाप करने लगा। दो-तीन लोग हाथ पकड़ कर सांगा सिंह को घर के अंदर से बाहर लाए। रो-रोकर सांगा की ऐसी हालत हो गई है कि उसके गले से रुलाई तक नहीं फूट रही है। पूरे गांव में शोक है।

सोमवार को सुरेंद्र की मां धापू कंवर ने दम तोड़ दिया था तो मंगलवार को पिता सगत सिंह की मौत हो गई। सुरेंद्र के परिजन सुमेर सिंह ने बताया कि 24 घंटे में ही सुरेंद्र के माता-पिता और दो भतीजों की मौत हो गई। मंगलवार को महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दूल्हे के पिता सगत सिंह (55), दिलीप कुमार (24), सुगन कंवर (56), आईदान सिंह (9), सूरज कंवर (50) की मौत हो गई।

अटेंडेंट की हालत दयनीय

बाकी परिजनों की हालत ऐसी हो गई है कि उसके गले से आवाज तक नहीं निकल रही है। आंखों के आंसू सूख गए हैं। रह-रहकर सदमा लगता है। महात्मा गांधी अस्पताल के बरामदे में आईसीयू की खिड़की पर झांकते हुए उनकी आंखों में दहशत सी रहती है। डॉक्टर को देखकर वे सहम जाते हैं। कोई बुरी खबर न ला रहे हों।

महात्मा गांधी अस्पताल में अटेंडेंट सुमेर सिंह ने बताया कि अंदर से किसी मरीज के नाम की आवाज लगाई जाती है तो दिल बैठ जाता है। परिजन प्रार्थना करते हुए अंदर जाता है और रोते हुए बाहर आता है। सुमेर की बहन और भाभी भी अस्पताल में एडमिट है।
एक मरीज धापू कंवर के भाई भवानी ने बताया कि बहन के ससुराल का पूरा परिवार ही खत्म हो गया है। भवानी और उसके जीजा अस्पताल में अटेंडेंट है। सूखी आंखों से भवानी ने बताया कि 6 दिन में उनकी मां, तीनों भतीजी, दूर के रिश्ते की एक भतीजी और भाभी सबकी मौत हो गई।

एक अटेंडेंट उम्मेद सिंह खुद बीमार हो गए हैं। वे आईसीयू के बाहर लेटे रहते हैं।
फिलहाल मरीजों के परिजनों के लिए एक काउंसिलिंग कक्ष बनाया गया है। इसमें बैठे अस्पताल के स्टाफ मरीजों के इलाज के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं। अस्पताल में लाने के बाद 26 लोग दम तोड़ चुके हैं। अभी भी 26 लोग हॉस्पिटल में भर्ती हैं। अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजश्री बोहरा ने बताया कि घटना के बाद से ही प्लास्टिक सर्जन रजनीश गालवा व अन्य डॉक्टरों की टीम जुटी हुई है।

संसद हनुमान बेनीवाल ने मांगा स्पेशल पैकेज

जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट मामले की गूंज संसद तक पहुंची है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि यह देश में सबसे भीषण हादसों में से एक है। पूरा देश उनके साथ खड़ा है लोकसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने भूंगरा गांव हादसे का जिक्र किया और केंद्र सरकार से पीड़ितों के लिए मदद मांगी।

उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने दो-दो लाख रुपए की घोषणा की है। अब केन्द्र सरकार को विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 18 लोग आईसीयू में भर्ती है। उन्होंने कहा कि जोधपुर से आने वाले केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने हादसे के पीड़ितों के लिए पैकेज की घोषणा की थी। यह मदद केन्द्र सरकार को करनी चाहिए।

राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पहुंचे जोधपुर

बुधवार को प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री राजेन्द्रसिंह गुढ़ा जोधपुर पहुंचे और अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से इलाज के बारे में जानकारी ली। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह राजनीति का विषय नहीं है।
राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने बुधवार को महात्मा गांधी अस्पताल का दौरा किया। कहा कि हादसा वीभत्स है, पीड़ितों को स्पेशल पैकेज मिलना चाहिए।
प्रदेश सरकार को इस मामले में सहायता राशि बढ़ानी चाहिए। पांच लाख की राशि जो कि चिरंजीवी पैकेज में सरकार ने देने की घोषणा की है, वह तो सामान्य है। यह हादसा काफी वीभत्स है, ऐसे में इसमें स्पेशल पैकेज मिलना चाहिए। गुढ़ा ने कहा कि इसमें केन्द्र सरकार को भी सहायता पैकेज घोषित करना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री जोधपुर से हैं, उनको इसके लिए प्रयास करना चाहिए।

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