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*म्हारो मनड़ो है हरखाय, आज तिरंगो इण भारत रे घर घर में लहराय*

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*आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राजस्थानी कवि सम्मेलन आयोजित*
*राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रचनाओं की प्रस्तुतियां देकर कवियों ने बांधा समां*

बीकानेर, 10 अगस्त। आजादी के अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा अभियान के तहत आयोजित हो रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में बुधवार को सूचना और जनसंपर्क कार्यालय तथा राजस्थानी भाषा, साहित्य संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में सूचना केंद्र में राजस्थानी काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया।

कवि सम्मेलन में संजय आचार्य ‘वरुण’ ने ‘म्हारो मनड़ो है हरखाय, आज तिरंगो इण भारत रे घर घर में लहराय’ गीत की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने ‘बेकळु’ कविता प्रस्तुत कर मातृ भूमि की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव देश को आजादी दिलाने वाले देशभक्तों के प्रति कृतज्ञता अर्पित करने का समय है। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संग्राम में साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। देशभक्ति की भावना जगाने में आज भी साहित्यिक रचनाएं अहम हैं।
राजाराम स्वर्णकार ने ‘घर-घर में फहरावे भारत रो सनमान, झंडो लहरावे आभे मायं, बढे हिंद री साण’ की प्रस्तुति दी। बाबू लाल छंगाणी ने‘काळजो पवित्र, भारत रे लोगां रो, मन में बेवे गंगा है’ कविता प्रस्तुत की।

सहायक निदेशक (जनसंपर्क) हरिशंकर आचार्य ने स्वागत उद्बोधन दिया और हर घर तिरंगा अभियान के तहत हो रहे आयोजनों की रुपरेखा पर प्रकाश डाला। आचार्य ने कहा कि तीन दिन हम खुद भी तिरंगा फहराएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कवि सम्मेलन में शब्दों के माध्यम से मातृभूमि के प्रति सम्मान प्रकट किया गया है।
जनसंपर्क अधिकारी भाग्यश्री गोदारा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन गोपाल जोशी ने किया।
इस अवसर पर सूचना और जनसंपर्क विभाग के फिरोज खान, बृजेन्द्र सिंह, प्रियांशु आचार्य, परमनाथ, मंगेज सिंह, सुशील चौधरी सहित वाचनालय के पाठक गण उपस्थित रहे।

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