BikanerExclusiveIndiaSociety

देशनाेक में पदार्पण: जीवन रूपी गाड़ी में रहे ज्ञान की लाइट और संयम का ब्रेक – आचार्य महाश्रमण

0
(0)

देशनोक, बीकानेर (राजस्थान)। अपनी पदयात्राओं द्वारा जनकल्याण के लिए सतत गतिमान रहने वाले भारतीय ऋषि परंपरा के संत शिरोमणि युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण का गुरुवार को करणी माता मंदिर धाम देशनाेक में मंगल पदार्पण हुआ। धार्मिक नगरी में आठ वर्षों के अंतराल पश्चात धर्मगुरु शांतिदूत महाश्रमण के शुभागमन से नगर वासियों में अनूठा उत्साह, उमंग दृष्टिगोचर हो रहा था। सकल जैन समाज के साथ–साथ अन्य समुदायों के प्रतिनिधि भी भक्ति भावों से आचार्यश्री का स्वागत कर रहे थे। सूर्योदय की बेला में शांतिदूत ने रासीसर ग्राम से मंगल विहार किया। लगभग 7 किलोमीटर की दूरी के कारण आज का विहार इस क्षेत्र का सबसे छोटा विहार रहा। मार्ग में श्री करणी गौशाला में गुरूदेव ने पधार कर मंगल आशीर्वाद दिया। इस दौरान गंगाशहर तेरापंथ किशोर मंडल के 108 किशोरों ने ॐ की विशाल आकृति बना कर 108 लोगस्स के पाठ द्वारा आचार्यश्री की अभ्यर्थना की। नगर में श्री करणी माता मंदिर के समक्ष गुरूदेव ने कुछ क्षण विराज कर मंगलपाठ फरमाया जहां नगर पालिका एवं मंदिर प्रन्यास से जुड़े पदाधिकारियों ने युगप्रधान का स्वागत किया। तत्पश्चात स्थानीय तेरापंथ भवन में प्रवास हेतु पुज्यप्रवर पधारे।

धर्मसभा में जनमेदनी को प्रेरणा देते हुए आचार्यश्री ने कहा – हमारे जीवन में ज्ञान और आचार का बहुत महत्व है। सम्यक ज्ञान प्राप्त हो जाए तो सम्यक आचरण का मार्ग भी प्रशस्त हो जाता है। ज्ञान किसी से भी मिल सकता है। कोई विद्या गुरू होता है तो कोई राजनैतिक गुरू भी होता है। ज्ञान प्रकाश करने वाला होता है। ज्ञान से एकाग्रचित्तता भी बढ़ती है। अध्यात्म का ज्ञान धर्मगुरु देते है। ‘संत समागम हरी कथा, तुलसी दुर्लभ दोय’ त्यागी, अहिंसा के पालनहार साधुओं के दर्शन होना भी भाग्य की बात होती है। संतों की वाणी जीवन में अवतरित हो ऐसा प्रयास करना चाहिए। हमारे जीवन रूपी गाड़ी में ज्ञान की लाइट और संयम का ब्रेक रहे तो जीवन की गाड़ी अच्छी चल सकती है।

आचार्यश्री ने देशनोक के संदर्भ में कहा कि आज करणी माता से जुड़े देशनोक में हमारा आना हुआ है। यहां काफी वर्षों से साध्वियों का प्रवास भी होता आया है। वह धरती धन्य होती है जहां साधु–संतों का प्रवास होता रहता है। यहां के वासियों में धर्म के संस्कार बढ़ते रहे।

इस अवसर पर साध्वी समन्वयप्रभा ने अपने विचार रखे। स्वागत अभिव्यक्ति के क्रम में नगरपालिका चेयरमैन ओमप्रकाश मुंदड़ा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष जीतमल बांठिया, श्री करणी माता मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष बादलसिंह, तेयुप अध्यक्ष ऋषभ आंचलिया, हनुमानमल सिपानी, अनिल बैद, अंकुर लुणिया, भरत नाहर, लक्ष्य नाहर, किरण सिपानी, नयनतारा नाहर, विद्यालय की ओर से बहादुरलाल जी ने भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मंडल व कन्या मंडल ने गीत का संगान किया। ज्ञानशाला के बच्चों ने एबीसीडी के माध्यम से स्वागत की रोचक प्रस्तुति दी।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply