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आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘मॉडल’ रूप में विकसित करेगा ‘सजग आंगनबाड़ी’ अभियान

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जिले में एक और अभिनव पहल शुरू, प्रत्येक केन्द्र का निरीक्षण करेगी महिला पर्यवेक्षक
हजारों किचन गार्डन करेंगे विकसित

बीकानेर, 25 अप्रैल। जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘मॉडल’ रूप में विकसित करने के लिए ‘सजग आंगनबाड़ी’ अभियान सोमवार को प्रारम्भ हुआ। पहले दिन 30 महिला पर्यवेक्षकों ने एक-एक आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण करते हुए इन केन्द्रों की आधारभूत सुविधाओं का आकलन किया। साथ ही इनमें और अधिक सुधार की गुंजाइश देखी तथा प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर ‘किचन गार्डन’ स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। यह अभियान जिले के सभी 1 हजार 502 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अनवरत चलेगा।

जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि कोविड संक्रमण के कारण पिछले दो वर्षों से आंगनबाड़ी केन्द्रों की व्यवस्थाएं प्रभावित हुई। वर्तमान में आंगनबाड़ी केन्द्रों की गतिविधियां प्रारम्भ हो गई हैं। इसके मद्देनजर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के उद्देश्य से जिले में नवाचार के रूप में यह अभियान प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत महिला पर्यवेक्षक प्रतिदिन एक आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण करेगी और सम्पूर्ण रिकॉर्ड संधारित करवाएगी। इस दौरान केन्द्र की साफ-सफाई, प्री-स्कूल शिक्षा संबंधी चार्ट और सभी सूचनाएं केन्द्र में प्रदर्शित करवाना, भंडारण कक्ष को व्यवस्थित करना तथा सुविधाओं में सुधार के लिए भामाशाहों को प्रेरित किया जाएगा।

विकसित होंगे ‘किचन गार्डन’
जिला कलक्टर ने बताया कि अभियान के दौरान प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र पर किचन गार्डन विकसित किए जाएंगे। जहां भूमि की उपलब्धता नहीं है, वहां सहजन फली एवं पालक, मैथी, धनिया, सरसों और अरबी जैसे पौधे गमलों में लगाए जाएंगे, जिससे गर्भवती और धात्री महिलाओं को पत्तेदार सब्जियां उपयोग में लेने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस दौरान महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिन भी अपने घरों में किचन गार्डन विकसित करेंगी।

इन मानकों के तहत होगा निरीक्षण
जिला कलक्टर ने बताया कि प्रत्येक केन्द्र पर निरीक्षण के दौरान महिला पर्यवेक्षक द्वारा भवन की स्थिति, पेयजल, शौचालय, नंदघर और सफाई व्यवस्था, केन्द्र पर पंजीकृत बच्चों की संख्या, कुपोषित-अति कुपोषित बच्चों की संख्या, केन्द्र पर संधारित किए जाने वाले सर्वे रजिस्टर, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के वजन रजिस्टर, मासिक उपस्थिति, पोषाहार प्राप्ति एवं वितरण, टीकाकरण, बच्चों की हाजारी एवं मानदेय कर्मी उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान प्रत्येक केन्द्र पर कुल लाभांवितों की संख्या, वजन मशीन, मेडिसिन किट, प्री-स्कूल किट, आयरन फॉलिक एसिड तथा विटामिन ए सिरप की उपलब्धता जांची जाएगी।

लाभार्थियों से करेंगी वार्ता
निरीक्षण के दौरान महिला पर्यवेक्षकों द्वारा लाभार्थियों से वार्ता करते हुए सभी व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया जाएगा। इसकी समूची सूचना भी रिपोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने बताया कि जिले के आठों परियोजना क्षेत्रों में किचन गार्डन विकसित करने संबंधी सूचना भी रिपोर्ट में संकलित की जाएगी। इसके अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों, लाभार्थी गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरियों, मनदेयकर्मियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, भामाशाहों तथा सर्वे क्षेत्र में आने वाले घरों में स्थापित ‘किचन गार्डन’ की सूचना देनी होगी। इन किचन गार्डन में लगाए गए पत्तेदार हरी सब्जियों के पौधों, गमलों में स्थापित में न्यूट्रीगार्डन की संख्या संबंधित जानकारी संकलित की जाएगी।

पहले दिन 30 केंद्रों पर पहुंचे
महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी ने बताया कि पहले दिन बीकानेर शहर की 3, ग्रामीण की 4, नोखा की छह, कोलायत, खाजूवाला और पांचू की तीन-तीन तथा श्रीडूंगरगढ़ और लूणकरणसर की चार-चार महिला पर्यवेक्षकों ने एक-एक आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया। समूचे अभियान की सघन मॉनिटरिंग संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी करेंगे।

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