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कल्ला जी अब तो शिक्षा मंत्री हो फिर भी नहीं मिला शिक्षा निदेशालय को मूल स्वरूप

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बीकानेर। बीकानेर राजपरिवार के प्रयासों से राजस्थान के शिक्षा का सबसे मजबूत गढ़ यानि शिक्षा निदेशालय बीकानेर को मिला, लेकिन कमजोर राजनीतिक नेतृत्व के चलते इस गढ़ की नींवें हिला दी गई हैं और परिणाम स्वरूप निदेशालय के एक के बाद एक विभाग तोड़ दिए गए। हालांकि कर्मचारी संगठनों ने इसके मूल स्वरूप को लेकर लंबी लड़ाइयां लड़ी, लेकिन आज तक बीकानेर को उसका हक नहीं मिला। विडंबना तो इस बात की है कि शिक्षा मंत्री जैसा पावरफुल पद बीकानेर के पास है, लेकिन हमारे मंत्री जी इसकी दमदार पैरवी करने व मजबूत इच्छा शक्ति दिखाने में नाकामयाब रहे हैं। यहां तक कि शिक्षकों और कर्मचारियों में भी इस बात की चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि अब तो कल्ला जी शिक्षा मंत्री है फिर भी शिक्षा निदेशालय को मूल स्वरूप नहीं मिल रहा है। इधर, हिम्मत नहीं हारने वाले संगठन शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर ने इसके लिए एक बार फिर से आवाज बुलंद की है। संगठन के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने रविवार को बीकानेर प्रवास पर आए शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला का श्रीरामसर विद्यालय में स्वागत कर पूर्व में प्रेषित 11 सूत्रीय मांग पत्र की प्रति पुनः सौंप कर वार्ता की ।

शिक्षा विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग की समस्याओं/मांगो के निराकरण के सम्बन्ध में शिक्षा प्रशासन एवं राज्य सरकार द्वारा पुख्ता कार्यवाही नहीं करने पर चिन्ता एवं आक्रोश प्रकट किया गया। मांग पत्र के सम्बन्ध में कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों के मंत्रालयिक संवर्ग की मांगों पर त्वरित कार्यवाही कर स्वीकार करने के लिए आग्रह किया है।

आचार्य ने बताया कि समसा का कार्यालय पूर्ण रूप से शिक्षा मुख्यालय बीकानेर में स्थानान्तरित कर शिक्षा मुख्यालय को मजबूती प्रदान की जाये, शिक्षा विभाग के निदेशालय से समस्त राज्य स्तरीय, विभाग स्तरीय, जिला स्तरीय, एवं ब्लाॅक स्तरीय कार्यालयों से शैक्षिक संवर्ग के स्टाफ यथा अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता (स्कूल शिक्षा), कोच एवं समकक्ष पदों को समाप्त किया जाये तथा इन पदों पर कार्यरत शैक्षिक स्टाफ को अन्यत्र पद सहित स्थानान्तरित किया जाये। साथ ही कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शैक्षिक स्टाफ की प्रतिनियुक्तियां भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर उन्हें मूल पद पर भेजा जाये, पीईईओ कार्यालयों में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक एवं सहायक कर्मचारियों को अतिरिक्त पद आवंटन किया जाये। ताकि कार्य सुचारू रूप से हो सके, प्रारम्भिक शिक्षा बोर्ड की स्थापना बीकानेर में कर विधिवत कार्य प्रारम्भ किया जाये, बीकानेर को समस्त शिक्षा का मुख्यालय दिया हुआ था परन्तु धीरे-धीरे इसे कमजोर कर काॅलेज शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के निदेशालय पृथक करके जयपुर स्थानान्तरित कर दिये गये। उन्हें पुनः बीकानेर स्थानान्तरित करवाया जाये, प्रारम्भिक शिक्षा से सम्बन्धित समस्त रिकाॅर्ड चूरू से बीकानेर संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा बीकानेर संभाग बीकानेर कार्यालयों मे स्थानान्तरित करवाया जाये, मंत्रालयिक संवर्ग की बकाया डीपीसी अविलम्ब करवाई जाये, शिक्षा विभाग में कनिष्ठ सहायक एवं सहायक कर्मचारियों की सीधी भर्ती के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की कार्यवाही की जावे, राज्य स्तरीय पुरस्कृत मंत्रालयिक एवं सहायक कर्मचारियों को शिक्षकों की भांति ही रोडवेज में 50 प्रतिशत किराये की छुट एवं अन्य परिलाभ दिये जाने की कार्यवाही करवायें, राजकीय अंग्रेजी विद्यालयों में दो कनिष्ठ सहायक एवं एक वरिष्ठ सहायक, एक सहायक प्रशासनिक अधिकारी एवं एक अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद अतिरिक्त सृजित किये जाये एवं उच्च प्राथमिक से माध्यमिक एवं माध्यमिक से उच्च माध्यमिक क्रमोन्नत विद्यालयों में मंत्रालयिक संवर्ग के अतिरिक्त पदों का आवंटन नहीं किया जा रहा है, क्रमोन्नत माध्यमिक विद्यालयों में दो कनिष्ठ सहायक एवं एक वरिष्ठ सहायक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो कनिष्ठ सहायक, एक वरिष्ठ सहायक एक सहायक प्रशासनिक अधिकारी एवं एक अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी का पद अतिरिक्त सृजित किया जाए।

संघ के संस्थापक मदन मोहन व्यास ने बताया कि विभाग द्वारा मंत्रालयिक संवर्ग के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। शिक्षा निदेशक एवं शिक्षा मंत्री से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी हठधर्मिता अपनाई जा रही है, जो कि खेद जनक है। व्यास ने आशा व्यक्त की है कि शासन एवं प्रशासन द्वारा उक्त मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार कर आवश्यक आदेश अविलम्ब प्रसारित करवाकर संघ को सूचित किये जाने का श्रम किया जावेगा।

कमल नारायण आचार्य कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि अविलम्ब संघ की 11 सूत्रीय मांग पत्र पर सम्पूर्ण रूप से अपेक्षित कार्यवाही नहीं करने पर संघ के द्वारा सांगठनिक गतिविधियां प्रारम्भ करने की विवशता होगी।

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