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जाकिर खान ने वेस्ट से बनाया था 7 मीटर जूते का लोगो, अब दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा में चयन

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नागौर। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा 17 जुलाई 2021 को आयोजित पी.जी.टी फाइन आर्ट स्कूल व्याख्याता के पद पर हुई भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। कुल-13 पदों के लिए हुई प्रतियोगी परीक्षा में भारत के कई राज्यों के योग्य अभ्यर्थियों ने इसमें भाग लिया। सामान्य श्रेणी के कुल 6 पदों में कुचामनसिटी निवासी जाकिर खान ने प्रथम स्थान प्राप्त कर परिवार का नाम रोशन किया। कुल 300 नंबरों की इस परीक्षा में जाकिर खान ने 201 अंक प्राप्त किए।

उपलब्धियों का स्वर्णिम सफर

जाकिर खान वर्तमान में स्कूल व्याख्याता चित्रकला के पद पर टोंक में कार्यरत है। जाकिर खान का शैक्षणिक जीवन अति उत्तम रहा है। उन्होंने वर्ष 2019 में राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एमवीए स्नाकोत्तर परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। इससे पूर्व राजस्थान के एक मात्र फाइन आर्ट स्कूल शिक्षा संकुल में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्ष 2018 में जयपुर में आयोजित मेराथन दौड़ का “लोगो 7 मीटर का जूता भी जाकिर खान द्वारा फाईन आर्ट स्कूल की वेस्ट सामग्री से निर्मित किया था। यह “लोगो” जयपुर के जे.एल. एन. मार्ग पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया था जिसकी खूब प्रशंसा हुई थी। वर्ष 2019 में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित स्कूल व्याख्याता, चित्रकला की प्रतियोगी परीक्षा में भी जाकिर ने संपूर्ण राजस्थान में तीसरा स्थान प्राप्त किया था।

परिवार में भी हैं प्रतिभाएं

जाकिर की छोटी बहन नेहा खान का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित कनिष्ठ विधि अधिकारी में 11वाँ स्थान प्राप्त किया था। वह वर्तमान में उद्यानिकी विभाग में कनिष्ठ विधि अधिकारी के पद पर कार्यरत है। जाकिर के बड़े भाई जावेद खान टेक्सेशन में राजस्थान उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं तथा भाभी सना समेजा खान ने रामपुरिया कॉलेज, बीकानेर से प्रथम श्रेणी, प्रथम एल.एल.एम उत्तीर्ण करने के पश्चात् 2018 में नेट सहित जे.आर.एफ परीक्षा उत्तीर्ण की। वह अभी राजस्थान विश्वविद्यालय से महिला सशक्तिकरण पर डाक्टर प्रीति जोशी के अधीन पी.एच.डी. कर रही हैं। नेहा खान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से स्कालरशिप मिल रही है।

सफलता में इनका रहा योगदान

जाकिर खान ने बताया कि कठोर मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है। इस प्रतियोगी परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने में माता नुजहत खान, आध्यात्मिक गुरु लल्लू लाल सैन व मित्र बीरमा राम चौधरी का मुख्य योगदान रहा है।

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