BikanerExclusive

बीकानेर एवं श्रीगंगानगर कृषि खण्ड में कम पानी की जरूरत वाली फसलों के लिए कंटीजेंसी क्रॉप प्लान तैयार करने के निर्देश

0
(0)

जयपुर। कृषि विभाग ने नहरी पानी की सीमित उपलब्धता के मध्यनजर बीकानेर एवं श्रीगंगानगर कृषि खण्ड में कम पानी की जरूरत वाली फसलों को प्राथमिकता देते हुए संभाव्य कृषि कार्य योजना (कंटीजेंसी क्रॉप प्लान) तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं।

कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अनुसार इस साल पौंग, रणजीत सागर एवं भाखड़ा नांगल डेम में गत वर्षों की तुलना में पानी की कम उपलब्धता है। इसे देखते हुए पेयजल के लिए पानी आरक्षित करने के बाद सिंचाई के लिए सीमित पानी की उपलब्धता रहेगी। उन्होंने बताया कि 21 सितम्बर को इन्दिरा गांधी नहर परियोजना की जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में 23 सितम्बर, 2021 से 3 जनवरी 2022 तक तय किये गये सिंचाई विनियमन कार्यक्रम अनुसार केवल 3 बारीज में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा।

कटारिया ने बीकानेर एवं श्रीगंगानगर कृषि खण्ड के संयुक्त निदेशक को क्षेत्र के किसानों के लिए सिंचाई के लिए नहरी पानी की सीमित उपलब्धता से अधिकतम फसल उत्पादन लेने के लिए सम्बद्ध विभागों से समन्वय स्थापित कर गेहूं एवं जौ जैसी अधिक पानी की आवश्यकता वाली फसलों के बजाय कम पानी की जरूरत वाली सरसों एवं चना जैसी फसलों को प्राथमिकता देते हुए संभाव्य कृषि कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए है।

किसानों से कम पानी की जरूरत वाली फसलें बोने की अपील
कृषि मंत्री ने आकस्मिक कृषि कार्य योजना एवं सिंचाई के लिए पानी की कम उपलब्धता के बारे में विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, प्रशासन गांवों के संग अभियान तथा विभिन्न प्रचार-प्रसार माध्यमों से किसानों को अधिक से अधिक जानकारी देने और कार्य योजना को अपनाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं। कटारिया ने किसानों से भी विभागीय सलाह के मुताबिक अपेक्षाकृत कम पानी की जरूरत वाली फसलें बोने की अपील की है।

ऋणी किसान अलग फ़सल बोने की सूचना सम्बन्धित बैंक को अवश्य दें
कृषि मंत्री ने किसानों से कहा है कि बैंक से जिस फसल के लिए ऋण लिया है, उससे अलग फ़सल बोने पर 15 दिसम्बर तक उसकी लिखित में सूचना सम्बन्धित बैंक को अवश्य दें। इससे बीमा उसी फ़सल का होगा जो वास्तव में बोई गई है, जिससे बीमा क्लेम मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि बीमित फसल और वास्तविक बोई गई फसल में फर्क होने पर बीमा क्लेम नहीं मिल पाएगा।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply