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एसकेआरएयू में स्थापित होंगे ‘सोलर पाॅवर स्टेशन’

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प्रतिवर्ष होगी पचास लाख रुपये की बचत
बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में ‘सोलर पाॅवर स्टेशन’ स्थापित किए जाएंगे। इनके माध्यम से सभी कार्यालयों में विद्युत आपूर्ति होगी। प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार सोलर स्टेशनों की स्थापना के बाद विश्वविद्यालय को प्रतिवर्ष लगभग पचास लाख रुपये की बचत हो सकेगी। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह इसके लिए पिछले छह महीनों से प्रयासरत थे।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के समस्त कार्यालयों, कृषि महाविद्यालय, कृषि अनुसंधान केन्द्र और केन्द्रीय कार्यशाला के अलावा कृषि अनुसंधान केन्द्र श्रीगंगानगर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र झुंझुनूं एवं जैसलमेर में सोलर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कुल आठ सोलर पाॅवर स्टेशन होंगे। प्रशासनिक कार्यालय एवं बाॅयो टेक्नोलाॅजी विभाग में यह स्टेशन हीरो रूफटाॅप नोयडा द्वारा, कृषि महाविद्यालय, कृषि अनुसंधान केन्द्र और केन्द्रीय कार्यशाला में इनसोलर एनर्जी अहमदाबाद द्वारा, कृषि अनुसंधान केन्द्र श्रीगंगानगर में संकल्प रियलमार्ट जयपुर द्वारा तथा कृषि विज्ञान केन्द्र झुंझुनूं एवं जैसलमेर में सन सोर्स एजेंसी दिल्ली द्वारा यह स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
केन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत कंपनियां करेगी यह कार्य
कुलपति ने बताया कि केन्द्र सरकार के सोलर एनर्जी काॅरपोरेशन द्वारा राजस्थान के सरकारी कार्यालयों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए नौ कंपनियों को अधिकृत किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा इन सभी कंपनियों से संपर्क किया गया। इनमें से चार कंपनियों ने इस कार्य के लिए गठित टीम के समक्ष प्रजेंटेंशन दिया। जिसके बाद इन्हें अलग-अलग क्षेत्र में कार्य के लिए सहमति पत्र भिजवा दिए गए हैं।
कंपनियां निःशुल्क देंगी इक्यूपमेंट, 25 साल करेगी देखरेख
सोलर एनर्जी काॅरपोरेशन की शर्तों के अनुसार चारों कंपनियां सोलर पाॅवर स्टेशन की स्थापना के लिए समस्त इक्यूपमेंट निःशुल्क उपलब्ध करवाएगी। साथ ही इंस्टाॅलेशन भी करेगी। इसके अलावा इन कंपनियों द्वारा अगले 25 वर्षों तक संयंत्रों की निःशुल्क देखरेख की जाएगी। विश्वविद्यालय द्वारा इसके लिए स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा।
स्वीकृत लोड की 80 प्रतिशत क्षमता का होगा प्लांट
सोलर पाॅवर स्टेशन स्वीकृत लोड की 80 प्रतिशत क्षमता का होगा। कंपनियों द्वारा विश्वविद्यालय को 3.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसका डिस्काॅम मूल्य लगभग 7 रुपये है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय की बिजली खपत प्रतिवर्ष लगभग 1.25 करोड़ रुपये है। सौलर संयंत्र की स्थापना के बाद लगभग 50 लाख रुपये प्रतिवर्ष बचत होगी।
कुलपति ने गठित की थी कमेटी
विश्वविद्यालय में सोलर संयंत्र की स्थापना के लिए अधिकृत कंपनियों से समन्वय, प्रजेंटेंशन आदि के लिए कुलपति के निर्देशानुसार कमेटी का गठन किया गया था। प्रसार शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में वित्त नियंत्रक, संपदा अधिकारी, विधि अधिकारी को सम्मिलित किया गया। सिमका प्रभारी को सदस्य सचिव बनाया गया था।
अप्रैल में एग्रीमेंट, तीन महीनों में होगी स्थापना
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा चारों कंपनियों को सहमति पत्र भिजवा दिए गए हैं। अब कंपनियों द्वारा साइट विजिट कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी तथा सोलर एनर्जी काॅरपोरेशन आॅफ इंडिया से इसकी स्वीकृति निकलेगी। इसके बाद पावर पर्चेज एग्रीमेंट किया जाएगा। यह एग्रीमेंट विश्वविद्यालय, संबंधित डिस्काॅम तथा कंपनियों के बीच होगा। एग्रीमेंट के तीन महीने में संयंत्र की स्थापना कर दी जाएगी।

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