शीतल पेय कारोबार को लॉकडाउन से छूटी कंपकंपी, अनलॉक की गर्मी ने दी राहत
बीकानेर। वैश्विक महामारी के चलते लगे लॉकडाउन से बीकानेर के शीतल पेय कारोबार को भारी नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन प्रदेश में अनलॉक की घोषणा के बाद यह कारोबार अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है। कारोबारियों के अनुसार लॉकडाउन से पहले साल 2019 में इस व्यवसाय की स्थिति काफी अच्छी थी। बीकानेर जिले में कोक व पेप्सी जैसी ब्रांडेड कम्पनियों के करीब 5 लाख ”केस” से ज्यादा की सेल हुई थी, साल 2020 में मार्च से जून तक का पीक सीजन लॉकडाउन में चला गया। इस दौरान शादी समारोह, होटल, रेस्टोंरेंट जैसे बड़े बिक्री केन्द्र बंद हो गए। इतना ही नहीं पर्यटकों का आवगमन भी बंद हो गया। इसका सीधा असर शीतल पेय कारोबार पर पड़ा और 50 फीसदी सेल टूट गई। यह स्थिति इन कारोबारियों के लिए बड़ा झटका साबित हुई। कारोबारियों का मानना है कि अनलॉक के दौरान कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए या नहीं इसके लिए उपभोक्ता मानसिक रूप से भी तैयार नहीं थे और जब तक लोग तैयार होते तब तक फिर से लॉकडाउन लग गया। सर्दियों में शीतल पेय कारोबार का सीजन नहीं रहता तब साल 2020 का यह समय ऐसे ही निकल गया। इसके बाद साल 2021 में 17 अप्रेल को फिर से लॉकडाउन लग गया। इस दौरान भी शादी समारोह व धार्मिक मेलों आदि पर पाबंदी लग गई। जहां 1000-500 आदमी मौजूद होने थे वहां उन पर बिल्कुल ही पाबंदी लग गई जिसका असर शीतल पेय कारोबार पर पड़ा। अभी जैसे जैसे लॉकडाउन खत्म हो रहा है कोल्ड ड्रिंक्स उत्पादों की बिक्री फिर से रफ्तार पकड़ रही है। हालांकि साल 2019 की तुलना में अभी भी सेल कम है, लेकिन वर्ष 2020 की तुलना में बिक्री की स्थिति में सुधार हो रहा है।
कम पाबंदी ने दी मामूली राहत
शीतलपेय कारोबारियों ने बताया कि साल 2020 के पहले लॉकडाउन में पूरी तरह से बंद रहा, लेकिन साल 2021 के दूसरे लॉकडाउन में तुलनात्मक रूप से कम पाबंदी रही। इससे इस कारोबार को मामूली राहत मिली। तब पेप्सी, माझा, स्पराइट, लिम्का आदि ब्रांडेड कोल्ड ड्रिंक्स की सेल में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
अवधि पार हो गया माल
पिछले साल लॉकडाउन शुरू होने से पहले गर्मी के सीजन में शीतलपेय कारोबारियों ने सीजन के लिए प्रचुर मात्रा में स्टॉक कर लिया था, लेकिन सीजन के शुरूआत में ही लॉकडाउन लगने से माल गोदामों में पड़ा का पड़ा ही रह गया तथा अवधिपार हो गया और वह बिक्री योग्य भी नहीं रहा। इससे कारोबारियों को निवेश के अनुपात में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। यह स्थिति इस कारोबार व कारोबारियों के लिए बेहद पीड़ादायक रही।
मई में परवान पर होती है बिक्री
कारोबारियों केे अनुसार मार्च से सितम्बर तक शीतल पेय कारोबार का पीक सीजन रहता है तब बिक्री परवान पर होती है। यानि पूरे साल कोल्ड ड्रिंक्स की जो बिक्री होती है उसकी 20 प्रतिशत बिक्री तो अकेल मई माह में हो जाती है। इसके बाद अक्टूबर से फरवरी तक बिक्री का ग्राफ डाउन होने लगता है। बीकानेर में कोल्ड ड्रिंक्स की जितनी बिक्री वर्ष 2020 व 2021 में हुई उतनी तो अकेले साल 2019 में हो गई थी।
टैक्स में मिले छूट
वर्ष 1966 से कोल्ड ड्रिंक्स के होलसेल का कारोबार कर रहे बीकानेर के सबसे पुराने कारोबारी शिल्पा ट्रेडर्स के प्रोपराइटर सुनील बांठिया कहते है कि आमतौर पर बीकानेर जिले में कोल्ड ड्रिंक्स का सालाना 30 करोड़ का कारोबार होता है जो इस बार दो सालों में मिलाकर हुआ है। यानि कारोबार के हिसाब से कोरोनाकाल बेहद कष्टदायक रहा। कोल्ड ड्रिंक्स पर सरकार ने 40 फीसदी टैक्स लगा रखा है। जबकि ये आम आदमी की रोजमर्रा के उपभोग में आने वाले उत्पाद हैं। तपती गर्मी में प्यासे कंठों को तरावट देने वाले ये शीतल पेय उत्पाद आम ग्राहकों के पसंदीदा उत्पाद जरूरत बन गए है। इन पर सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए। इससे कारोबारियों के साथ साथ आम उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी।