BikanerExclusive

“साहित्यकारों का सम्मान करना समाज का सम्मान है”

0
(0)

कमल रंगा, ज़ियाउल हसन क़ादरी, क़ासिम बीकानेरी एंव संजू श्रीमाली का सम्मान हुआ

बीकानेर 5 अप्रेल। लोक जागृति संस्थान द्वारा युवाओं में स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान तथा साहित्यिक संस्कारों से दीक्षित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी सुप्रसिद्ध समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी,पूर्व विधायक एंव पत्रकार भाई जी रामरतन कोचर की 39वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रामरतन कोचर स्मृति साहित्य सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया |
संस्थान के अध्यक्ष ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने बताया कि सोमवार सांय महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम, नागरी भण्डार में आयोजित हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शाइर ग़ुलाम मोहिउद्दीन ‘माहिर ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी युगो युगो तक अमर रहेंगे और उनकी प्रेरणादायक कहानियां नई पीढ़ी को संस्कारित करते रहेंगी | इस अवसर पर माहिर बीकानेरी ने अपनी ग़ज़ल सुनाकर सभी को लुत्फ़अंदोज़ कर दिया | कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लोक कला मर्मज्ञ डॉ.श्रीलाल मोहता ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि स्वर्गीय रामरतन कोचर बीकानेर की पावन भूमि पर जन्मे और उनकी देशभक्ति से ओतप्रोत जीवन गाथा हम सबको हमेशा प्रभावित करती रहेगी | उन्होंने अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करते हुए अपनी एक अलग पहचान क़ायम की | कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला गंगल ने कहा कि स्वर्गीय रामरतन कोचर की स्मृति में संस्थान द्वारा हर वर्ष कार्यक्रम किया जाना एक सराहनीय क़दम है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है |
लोक जागृति संस्थान के अध्यक्ष ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने कहा कि साहित्य समाज को रचनात्मक ढंग से बदलने की सामर्थ्य रखता है | आज़ादी की अलख जगाने में साहित्यकारों की अहम भूमिका थी | अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि साहित्यकारों का सम्मान करना वस्तुतः समाज का ही सम्मान है और संस्था हमेशा से इस तरह के कार्यो में अग्रणी रही है और अग्रणी रहेगी | आने वाली नस्लों को उनसे प्रेरणा लेकर उनके द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी
संस्थान के सचिव इसरार हसन क़ादरी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए संस्था का परिचय प्रस्तुत किया और कहा कि संस्था आगे भी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रहेगी | अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि देश की गंगा जमुनी संस्कृति की बुनियाद स्वतंत्रता सेनानियों ने ही रखी थी | स्वतंत्रता के लिए काम करने वालों को याद करना आज के दौर में बहुत ज़रूरी है ताकि इस महान विरासत को अक्षुण्ण रखा जा सके |
इस अवसर पर हुए सम्मान समारोह में राजस्थानी साहित्य सम्मान वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा, उर्दू साहित्य सम्मान डॉ.ज़ियाउल हसन क़ादरी एवं क़ासिम बीकानेरी तथा हिंदी साहित्य सम्मान डॉ संजू श्रीमाली को पेश किया गया | सम्मान स्वरूप कार्यक्रम के अतिथियों द्वारा सभी सम्मानित शख़्सियतों को माल्यार्पण, शॉल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र भेंट करके सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर समारोह के मुख्य वक्ता डॉ श्रीलाल मोहता को शॉल, माल्यार्पण एवं सम्मान पत्र भेंट करके सम्मानित किया गया | अन्य अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह भेंट किए गए |
कार्यक्रम के दूसरे चरण में नगर के कवियों एंव शाइरों ने काव्यपाठ किया | जिनमें जुगल पुरोहित, अंकित कोचर, अजीत राज, वली मोहम्मद ग़ौरी, मौलाना रमजान राजजामी, शिव दाधीच, रहमान बादशाह, कैलाश टाक ने अपनी एक से एक बेहतरीन रचनाएं पेश करके स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय रामरतन कोचर को अपनी शब्दांजली पेश की |
कार्यक्रम में बुलाकी शर्मा, मोहम्मद फ़ारुक़ चौहान, गिरिराज पारीक, मंजूर अली चांदवानी, शाहीन क़ादरी, विमल चंद कोचर, बृजेंद्र गोस्वामी,शमीम अहमद, मदन गहलोत, रिफ़अ़त फ़ातिमा, ऋषभ कोचर, सुमित वल्लभ कोचर, कार्तिक कोचर, मोहम्मद आरिफ़, असद अली असद एंव मोहम्मद जरीफ़ मौजूद थे |
कार्यक्रम का सफल संचालन रंगकर्मी रोहित बोड़ा ने किया |

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply