कुछ ठीक नहीं है धरती की सेहत, डूंगर काॅलेज में आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न
बीकानेर 27 फरवरी। डूंगर महाविद्यालय बीकानेर में शनिवार को आपदा प्रबंधन क्लब तथा महाविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ (आई.क्यू.ए.सी.) के संयुक्त तत्वावधान में आपदा प्रबन्धन विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में मुख्य वक्ता जयपुर के आपदास प्रबन्धन के प्रभारी अधिकारी डॉ. रिपुंजय सिंह रहे। डॉ सिंह ने बताया कि आजकल पृथ्वी के स्वास्थ्य तथा मानव मात्र के स्वास्थ्य के अंतर संबंधों के प्रति जागृति में वृद्धि हो रही है । उन्होंने बताया कि वैश्विक ताप वृद्धि के कारण सागर जलस्तर एवं चक्रवाती में अधिकाधिक वृद्धि हो रही है । चक्रवातों की आवृत्ति तथा तीव्रता बढ़ने से अधिक जनसंख्या प्रभावित होने लगी है । प्रो. सिंह ने विभिन्न प्रकार की आपदाओं का वर्गीकरण बतलाते हुए जल एवं जलवायु संबंधी आपदाएं भूगर्भिक आपदाएं रासायनिक औद्योगिक तथा नाभिकीय आपदाएं तथा दुर्घटनाओं से संबंधित आपदाओं के अतिरिक्त जैविक कारकों से उत्पन्न आपदाओं जैसे टिडियों एवं पिछले दिनों से चल रहे कोविड-19 आदि पर चर्चा उदाहरण सहित की । उन्होंने आपदा प्रबंधन की विभिन्न अवस्थाओं जैसे तैयारी, प्रभाव एवं प्रतिक्रिया एवं पुनर्वास की विस्तार से चर्चा की गई । भारत के संदर्भ में 2020 में आए विभिन्न आपदाओं जैसे टिडियों का प्रभाव, कोविड-19 समय में हुई चमोली की झील के फटने से आई बाढ़ आदि का वर्णन किया। राजस्थान को प्रभावित करने वाले विभिन्न आपदाओं जैसे वज्रपात, बाढ़, सूखा, धूल के बवंडर, टिड्डियों का प्रभाव एवं शीतलहर आदि की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि भविष्य में भारत की 52 प्रतिशत जनसंख्या भूकंप से 12 % बाढ़ से प्रभावित होंगी।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डूंगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह ने आपदा संबंधी अध्ययन और जागरूकता के महत्व की ओर जयपुर में हुए आपदा के उदाहरण द्वारा ध्यान आकर्षित किया । वेबीनार के उपाध्यक्ष डाॅ. ए. के यादव ने विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार आपदाओं का बेहतर तरीके से प्रबंधन किया जाता है ।
समन्वयक डॉ. विपिन सैनी ने बताया कि आपदाएं अपरिहार्य है और आपदा प्रबंधन यह सिखाता है कि किस प्रकार से इनका प्रभाव मानव पर कम किया जा सकता है। आपदा प्रबंधन क्लब का उद्देश्य महाविद्यालय के विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन के संबंध में जागरूक करना है ताकि भविष्य में कोई आपदा आए तो वे एक प्रहरी के रूप में कार्य करें ।
वेबीनार संयोजक डॉ. विनोद सिंह ने प्रो. रिपुंजय सिंह का परिचय दिया एवं श्री पवन कुमार ने वेबीनार का सह संयोजन किया । वेबीनार में बड़ी संख्या में राज्य व देश के छात्र छात्राओं व संकाय सदस्यों ने भाग लिया ।