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सब्जियों, फलों और फूलों के उत्पादन में बेहद प्रभावी सिद्ध हुई है लो-टनल तकनीक

‘शुष्क क्षेत्र में लो-टनल तकनीक से सब्जी उत्पादन’ विषयक सम्पन्न
– कुलपति ने वितरित किए प्रमाण पत्र

बीकानेर। कृषि अनुसंधान केंद्र के सुनियोजित खेती विकास केन्द्र और उद्यान विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत ‘शुष्क क्षेत्र में लो-टनल तकनीक से सब्जी उत्पादन’ विषयक चार दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण में एमएससी और पीएचडी के 44 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह थे। उन्होंने कहा कि सब्जियों, फलों और फूलों के उत्पादन में लो-टनल तकनीक बेहद प्रभावी सिद्ध हुई है। किसान इस तकनीक को अपनाकर अत्यधिक मुनाफा कमा रहे हैं। जिले के किसानों में भी इसके प्रति जागरुकता आई है। यहां के किसान लो-टनल तकनीक के माध्यम से लौकी, करेला, टिंडा, ककड़ी, खीरा और खरबूजा आदि कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती कर रहे हैं। कुलपति ने कहा कि फल और सब्जी उत्पादन के दृष्टिकोण से हमारा देश, दुनिया में दूसरे स्थान पर है। पिछले पांच वर्षों में बागवानी फसलों के उत्पादन में 30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए ऐसे प्रशिक्षण बेहद लाभदायक सिद्ध होंगे।
क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डाॅ. पी. एस. शेखावत ने कहा कि कम बरसात वाले क्षेत्रों में लो-टनल तकनीक उपयोगी सिद्ध हुई है। इससे किसानों को प्रति बीघा अधिक आमदनी हो रही है। अतिरिक्त निदेशक अनुसंधान (बीज) डाॅ. एन. के. शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों ने खेतों में लो-टनल तकनीक का प्रायोगिक ज्ञान हासिल किया। यहां से प्राप्त जानकारी को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाए। प्रशिक्षण प्रभारी डाॅ. राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि चार दिनों के प्रशिक्षण में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। इस दौरान कुलपति ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इससे पहले उद्यान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. पी. के. यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया। संचालन डाॅ. राजीव नारोलिया ने किया। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. आई. पी. सिंह, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डाॅ. एस. आर. यादव, डाॅ. दाताराम आदि मौजूद रहे।

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