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यहां मां को और वहां बेटे बहू को दर्द दे गया कोरोना

बीकानेर। कोरोना हर रिश्ते में दर्द का रिश्ता बना रहा है। कोई अपनों की कुशल क्षेम पूछने वाला स्वयं कितना कुशल है यह न तो कुशल क्षेम पूछने वाले को पता है और न ही मेजबान को। रक्त बीज की भांति आता है और अपने जैसे और पैदा कर जाता है। यहां 23 मई को दिल्ली से आकर गए बेटा-बहू दिल्ली में पॉजिटिव पाए गए। आने जाने और अपनों से मिलने की इस प्रीत में छिपा कोरोना चुपचाप अपना काम कर जाता है। तिलक नगर डिस्पेंसरी में कार्यरत, जेएनवी कॉलोनी निवासी महिला डाॅक्टर मंगलवार रात को आई रिपोर्ट में पॉजिटिव मिली। यहां यह तय नहीं कि कोरोना किससे किसको ट्रांसफर हुआ, लेकिन इतना तय है कि मां-बेटा-बहू स्वयं तो ऐसा नहीं कर सकते। माँ यहां चिंता में है कि वहां बेटे बहू कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और ठीक होंगे या नहीं और वहां बेटे बहू चिंता में है कि कोरोना की चपेट में आ चुकी मां को कौन संभालेगा? इससे जाहिर होता है कि जो जहां है वो वहीं रहे तो बेहतर है। क्योंकि कोरोना एकांत में टूटता है और महफिल में फलता फूलता है। हालांकि व्यावहारिक जीवन में ऐसा करना बेहद मुश्किल लगता है क्योंकि अपनों का मोह जा नहीं सकता। अब यह स्वयं ही तय करना है किसे महत्व दें मोह या अपनों को? मोह को चाहेंगें तो कोरोना को निमंत्रण और अपनों को चाहते हैं तो दूरी बना कर रखनी होगी। फिलहाल देशभर में जो हिस्ट्री सामने आ रही है उसके अनुसार मोह मौत की ओर धकेलता प्रतीत हो रहा है।

सोशियल डिस्टेंसिंग की पालना करें और कराएं। मास्क लगा कर ही बाहर निकलें।

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