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बीकानेर में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” पर राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन

बीकानेर।. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) एवं स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का भव्य आयोजन हुआ। कार्यशाला में शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं, उच्च शिक्षा पर इसके प्रभाव तथा भविष्य की संभावनाओं पर गहन मंथन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य रिछपाल सिंह राठौड़ (प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, जोधपुर एवं महामंत्री, एबीआरएसएम उच्च शिक्षा, राजस्थान) रहे। उन्होंने अपने विस्तृत उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय शिक्षा जगत में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है। इस नीति में शिक्षा को केवल डिग्री तक सीमित न रखकर ज्ञान, कौशल, मूल्य और संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया गया है। यह नीति छात्र-छात्राओं को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

विशिष्ट अतिथि आचार्य दिग्विजय सिंह (पूर्व प्राचार्य, डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर एवं पश्चिम क्षेत्र प्रमुख, एबीआरएसएम उच्च शिक्षा) ने कहा कि यह नीति बहुविषयक शिक्षा, कौशल विकास, मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार पर विशेष बल देती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने की। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के लिए यह नीति विशेष महत्व रखती है क्योंकि इसके माध्यम से छात्र न केवल अकादमिक ज्ञान बल्कि व्यावहारिक, तकनीकी और उद्यमिता संबंधी शिक्षा भी प्राप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय स्तर पर इसके सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

इस अवसर पर डॉ. विमला डूंकवाल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया जबकि डॉ. वी.एस. आचार्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजु राठौड़ ने किया।

कार्यशाला में एबीआरएसएम से जुड़े डॉ. विक्रम योगी, डॉ. विजय शंकर आचार्य, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. सुशील खारिया सहित विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों के डीन, निदेशकगण, प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

अंत में यह निष्कर्ष निकला कि यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए तो भारत पुनः विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर होगा। कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिए ज्ञानवर्धक, मार्गदर्शक और प्रेरणादायी सिद्ध हुई।

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