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रेलवे अंडरपास में जलभराव से राहत की तैयारी: उत्तर पश्चिम रेलवे ने लगाए 167 पंप, 328 चौकीदार तैनात

बीकानेर। बारिश के दौरान रेलवे अंडरपास में जलभराव की perennial समस्या से निपटने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने व्यापक इंतजाम किए हैं। रेलवे ने मानसून के दौरान जल निकासी सुनिश्चित करने के लिए निर्माण कार्यों से लेकर मशीनरी और मानव संसाधन तक की व्यवस्था की है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि कुछ समपार फाटकों, रोड अंडर ब्रिज (RUB) और सीमित ऊंचाई वाले सबवे में आस-पास के इलाकों का पानी जमा होने से जलभराव की समस्या सामने आती रही है। इस बार रेलवे ने इससे निपटने के लिए कई स्तरों पर तैयारी की है।

रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने संरक्षा बैठक में विशेष निर्देश दिए थे कि अंडरपास में जलभराव को लेकर कोई कोताही न हो। इन निर्देशों की पालना में RUB में पानी जाने से रोकने के लिए आवश्यक निर्माण कार्य किए गए हैं। जल पुनर्भरण कुओं की सफाई और गहरीकरण कर उन्हें चालू किया गया है ताकि जलभराव तुरंत खत्म किया जा सके।

रेलवे ने 167 रोड अंडर ब्रिज पर पंप लगाए हैं ताकि भारी बारिश की स्थिति में तत्काल जल निकासी हो सके। वहीं, 328 स्थायी चौकीदारों की नियुक्ति की गई है जो जलभराव की स्थिति में यातायात रोकने और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए तैनात रहेंगे।सड़क यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी अंडरपास पर जल स्तर मापक मार्किंग की गई है। खतरनाक जल स्तर होने पर यात्री उस मार्ग का उपयोग न करें, इसके लिए चेतावनी सूचना बोर्ड भी लगाए गए हैं। साथ ही, जलभराव की स्थिति में रेलवे को तत्काल सूचित करने संबंधी सूचना भी इन स्थानों पर अंकित की गई है।

रेलवे ने स्थानीय निकायों और पंचायतों से समन्वय स्थापित किया है ताकि ऊंचाई वाले इलाकों से बहकर आने वाले पानी को अंडरपास तक पहुंचने से रोका जा सके।इस पूरी व्यवस्था पर उत्तर पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2024-25 में ₹18.32 करोड़ की राशि खर्च की है। रेलवे का मानना है कि यह व्यवस्थाएं इस मानसून में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए कारगर सिद्ध होंगी।

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