विधायक व्यास ने विधानसभा में बीकेईसीएल को घेरा, उठाया बिजली कटौती का मुद्दा
*विजिलेंस के दौरान साथ रहे सरकारी प्रतिनिधि, एमओयू की शर्तों की पालना नहीं होने पर हो कार्यवाहीः विधायक व्यास*
*आरोप: कांग्रेस नेता के रिश्तेदारों ने कंपनी से जुड़े लिए हुए हैं विभिन्न ठेके*
बीकानेर । बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में बीकानेर इलेक्ट्रिकल सप्लाई लिमिटेड की अव्यवस्था का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बीकेईसीएल द्वारा जानबूझकर शहरी क्षेत्र में बिजली की कटौती की जा रही है। उन्होंने नाम लिए बिना स्थानीय कांग्रेस नेता पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके रिश्तेदारों ने कंपनी से जुड़े विभिन्न ठेके लिए हुए हैं। एमओयू की शर्तों के अनुसार एक घंटे से अधिक समय तक बिजली कटौती होने पर जनरेटर अथवा अन्य वैकल्पिक माध्यम से विद्युत सप्लाई किया जाना होता है, कंपनी द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहरी क्षेत्र में दस-दस घंटे बिजली कटौती होती है और इससे बीजेपी और उनकी छवि खराब करने का प्रयास कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई बार बिना फॉल्ट ही बिजली की कटौती की जाती है। आमजन की ऐसी शिकायत उन्हें कई बार प्राप्त होती है। उन्होंने कंपनी की विजिलेंस प्रक्रिया पर भी प्रश्न खड़ा किया और कहा कि जब उपभोक्ता सो रहे होते हैं तब, कंपनी द्वारा सुबह छह बजे विजिलेंस की जाती है और इसकी राशि भी मनमाने ढंस से चार्ज की जाती है। इस बारे में कंपनी के अधिकारियों को पूछने पर ऊपर से आदेश होने की बात कही जाती है।
उन्होंने ऊर्जा मंत्री से संबध में कार्यवाही करने का आग्रह किया और कहा कि विजिलेंस के दौरान एक सरकारी प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से साथ रहे, जिससे आम उपभोक्ता के हितों के साथ कुठाराघात नहीं हो। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति और शुल्क वसूली के मामले में किसी भी स्थिति में आमजन के साथ राजनीति नहीं हो। उनके हितों को सर्वाेपरि रखा जाए। उन्होंने कहा कि यदि बीकेईसीएल द्वारा सरकार के साथ किए गए एमओयू की शर्तों की पालना नहीं की जाती है, तो राज्य सरकार द्वारा इसके नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
*ऊर्जा मंत्री ने कहा, कमेटी करेगी जांच, नहीं चलेगा राजनैतिक हस्तक्षेप*
विधायक व्यास के मुद्दे का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर ने कहा कि बीकेईसीएल में राजनैतिक हस्तक्षेप नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीकानेर में 16 मई 2017 से बीकेईसीएल द्वारा पीपीपी मोड पर फ्रेंचाइजी के रूप में कार्य किया जा रहा है। कम्पनी विभिन्न शर्तों पर कार्य कर रही है। इसमें राजनीतिक वजह से कार्य अवरूद्ध होता है तो उसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान को लेकर पूर्व में बीकेईसीएल को नोटिस दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक की अनियमितताओं की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। यदि कंपनी द्वारा नॉर्म्स के अनुसार सुविधाएं और संसाधन का विकास नहीं पाया गया, तो कंपनी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बीकानेर के अलावा कोटा, भरतपुर और अजमेर की फ्रेंचाइजी कंपनियों की जांच करवाने की बात भी कही।